"कोई माईका लाल भारत को तोड नहीं सकता। " Rajesh Sharma मित्रों, अगर देखा जाए तो प्राचीन काल से ही मेरे राष्ट्र की सुख - समृद्धि ...
"कोई माईका लाल भारत को तोड नहीं सकता। "
Rajesh Sharma |
मित्रों,
अगर देखा जाए तो प्राचीन काल से ही मेरे राष्ट्र की सुख - समृद्धि से घृणा करने वाले लोग, मेरे राष्ट्र को विश्व-पटल से ही समूल नष्ट करने के लिए , नये - नये ढंग से नई-नई शक्लों में आकर माँ भारती को कष्ट देते रहे हैं।
वर्तमान में भी यह क्रम जारी है।
कुछ राष्ट्र-घातक बाहरी और आंतरिक शक्तियाँ कभी जातिवाद की आड में , कभी देश में कट्टर धार्मिक- उन्माद का जहर घोलकर, कभी छात्रों को सेना के विरुद्ध भड़काकर राष्ट्र को आग के हवाले करवाकर, कभी किसान आंदोलन की आड़ में मेरे भोले-भाले किसानों को आगे करके अपना छिपा हुआ एजेंडा आगे बढाने का कुत्सित प्रयास कर रही हैं।
आज पुनः भारत के अध्यात्म को चुनौती दी जा रही है। भारत की शांति को समाप्त करने का खेल खेला जा रहा है।
मैं मेरी भारत माँ के कष्टों को बढ़ाने वाले सिरफिरों को बताना चाहता हूँ कि लगभग 1 अरब 98 करोड़ 58 लाख 5 हजार वर्ष पूर्व जब सूर्य देवता ने पृथ्वी पर अपना प्रकाश फैलाना आरम्भ किया था। उस समय से ही मेरी पावन भूमि अजर और अमर है।
सतयुग बीत गया 17 लाख 28 हजार वर्षों का ,त्रेता युग बीत गया 12 लाख 96 हजार वर्षों का, द्वापर 8 लाख 64 हजार वर्षों का और कलयुग के भी 5 हजार से अधिक वर्ष बीत चुके हैं।
जब भी भारत था, आज भी भारत है और आगे भी भारत रहेगा। संसार की भी ताकत मेरे राष्ट्र को नष्ट नहीं कर सकता।
मेरे माँ भारती के वीर सपूतों को भूलना नहीं चाहिए अपनी भुजाओं के बल को अपने पुरखों के शौर्य को।
चाहे वैदिक काल का भारत हो,चाहे छठी शताब्दी ई. पू. का भारत हो।
चाहे महात्मा बुद्ध जी का भारत हो, चाहे महावीर स्वामी जी का भारत हो ।
चाहे आचार्य चाणक्य जी का भारत हो, चाहे चन्द्रगुप्त-समुद्रगुप्त का भारत हो।
चाहे छत्रपति शिवाजी महाराज का भारत हो और चाहे महाराणा प्रताप सिंह जी का भारत हो।
चाहे रामकृष्ण परमहंस का भारत हो, चाहे स्वामी विवेकानंद जी का भारत हो।
चाहे दुर्गा भाभी का भारत हो, चाहे वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का भारत हो।
चाहे गुरु तेग बहादुर सिंह जी का भारत हो चाहे सरदार भगत सिंह जी का भारत हो ।
जब भी भारत था, आज भी भारत है और आगे भी भारत रहेगा। कोई भी ताकत भारत को नष्ट नहीं कर सकती।
मित्रों, चाहे शांति के पुजारी महात्मा गाँधी का भारत हो चाहे क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद जी का भारत हो।
चाहे अशफाक उल्ला खां का भारत हो, चाहे डा. अबुल कलाम आज़ाद का भारत हो ।
चाहे सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का भारत हो चाहे श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का भारत हो।
एक अद्भुत भारत, एक संघर्षशील भारत, बड़ी से बड़ी आपदा से मजबूती से जीतता आया भारत। सदैव रहा है और आगे भी रहेगा भारत ।
आज भटके हुए कुछ स्वार्थी तत्वों को मेरा सुझाव है कि समय रहते मुख्यधारा में जुडकर भारत को पुनः विश्वगुरू बनाने में अपना योगदान दें।
मेरे राष्ट्र की 135 करोड़ की जनता का वर्तमान भले ही कष्टमय हो किन्तु भविष्य उज्जवल है इस बात को विश्व की सभी बड़ी शक्तियाँ स्वीकार भी कर रही हैं।
मेरे भारत को सपेरों का देश कहने / मानने वाले विदेशी भी आज देख रहे हैं कि भारत के युवाओं के हाथ में आज माउस है न कि कथित सांप।
मेरे भारत को नष्ट करने का मंसूबा पाले बैठे विघटनकारी समझ ले कि भारत को कोई माईका लाल नष्ट नहीं कर सकता।
किसी कवि की प्रेरणाप्रद पंक्तियों में सटीक ही लिखा है कि ...
"जिन्हें तिरंगे की लहरों का, किंचित सा भी भय नहीं।
उन्हें भारत में अब रहने का, कोई भी अधिकार नहीं।"
🇮🇳 राजेश राष्ट्रवादी
विनम्र निवेदन :- कृपया पोस्ट के संदर्भ में आपके comments के published की प्रतीक्षा रहेगी ]
भारत माता की जय💪💪
ReplyDeleteभारतमाता की जय 🇮🇳
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