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मांसाहार स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। NON-VEG INJURIOUS TO HEALTH .(सबसे अच्छा हिन्दी निबंध / अनुच्छेद)

मांसाहार स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। NON-VEG INJURIOUS TO HEALTH  (सबसे अच्छा हिन्दी निबंध/अनुच्छेद)  प्रस्तावना:--  मनुष्य को पूर्ण रूप स...


मांसाहार स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
NON-VEG INJURIOUS TO HEALTH 

(सबसे अच्छा हिन्दी निबंध/अनुच्छेद) 

प्रस्तावना:--  मनुष्य को पूर्ण रूप से शाकाहारी ही होना चाहिए। क्योंकि शाकाहार सभी के लिए उत्तम भोजन है और हर शाकाहारी स्वस्थ और सुखी जीवन जी सकता है। 

हमारे ऋषि-मुनियों ने तो कंदमूल और फल खाकर वर्षों तक तपस्या की और ऐसा ज्ञान विज्ञान दे गए जैसा कहीं भी किसी ने भी नहीं दिया। उस ज्ञान विज्ञान की छाप सारे संसार के देशों की सभ्यता व संस्कृति पर दिखाई देती है।

मांसाहारी लोगों की मनोवृति बदलती रहती है और उनके व्यक्तित्व में पशुता का समावेश होता रहता है और उन में क्रूरता निर्दयता जैसे दुर्गुण पैदा हो जाते हैं। नतीजा यह होता है कि वे क्रोधी, झगड़ालू चिड़चिड़ेपन, बेरहम और स्वार्थी स्वभाव के हो जाते हैं।

 मांसाहार के रोगी:-- जिन क्षेत्रों में मांसाहार अधिक किया जाता है। वहां कैंसर, हार्ट अटैक, मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह ,कब्ज , संक्रामक बीमारियाँ, सिरोसिस ऑफ लिवर आदि रोगों के रोगी ज्यादा पाए जाते हैं ।

मांसाहारियों  को मालूम होना चाहिए कि ब्रेन बग नामक कीड़े के काटने से पशु पागल हो जाता है । लेकिन पागलपन के विकसित होने में लगभग 10 साल लग जाते हैं  अब यदि इस कीड़े द्वारा काटे गए पशु का मांस कोई खा लेता है तो उस पशु के शरीर में पलने वाला यह विकार मांस खाने वाले के शरीर में पनपने लगता है ।। लगभग 25 प्रतिशत केसेज में ऐसा होता पाया गया है।

मांस प्राप्त करने के लिए जिस जानवर को मारा जाता है । मारे जाते समय क्रूरता पूर्वक मारे जाने के भय से उसके शरीर में स्थित ग्रंथियां विषाक्त स्राव छोड़ने लगती हैं । यह विषाक्त प्रभाव मांस के जरिए मांसाहारी के शरीर में पहुंच जाता है।

 वैदिक शास्त्रों में पशुओं की हत्या और मांसाहार करने को वर्जित किया गया है। जैन धर्म और बौद्ध धर्म ने अहिंसा को प्रतिष्ठित कर मांसाहार की निंदा की है। 

भगवान महावीर कहते हैं ,"संसार में सभी को अपनी जान प्यारी है। मरना कोई नहीं चाहता इसलिए किसी की हिंसा मत करो ,तुम स्वयं जियो और दूसरों को जीने दो।" 

भगवान बुद्ध कहते हैं ,"जो प्राणियों की हिंसा करते हैं ,आर्य (श्रेष्ठ) नहीं होते। सब प्राणियों के प्रति अहिंसा भाव रखने वाला ही आर्य (श्रेष्ठ) पद को प्राप्त होता है।"

आज भारत में ही नहीं विदेशों में भी लोग तेजी से मांसाहार को छोड़कर शाकाहार की ओर बढ़ रहे हैं।

भारत की प्रमुख शाकाहारी हस्तियाँ :--  हमारे देश में भिन्न-2 क्षेत्रों में काम करने वाली प्रमुख हस्तियों में नरेन्द्र मोदी जी, राजनाथ सिंह जी,  अमिताभ बच्चन जी, रेखा जी,  हेमा मालिनी जी, कंगना राणावत जी, अनुष्का शर्मा,  महेन्द्र सिंह धोनी जी,अनिल कुम्बले ,गौतम गंभीर जी आदि  शाकाहार को ही प्राथमिकता देते हैं। 

निष्कर्ष :-- मष्नुष्य शाक सब्जी, अनाज:: ,फल, घी ,दूध आदि का सेवन कर स्वस्थ और बलवान रह सकता है तो फिर निर्दयता पूर्वक मुक और निर्दोष पशु पक्षियों की हत्या कर प्राप्त किया गया मांस का सेवन करना कैसे उचित हो सकता है? 

सृष्टि में मनुष्य सबसे बुद्धिमान सबल और सभ्य जीव है। मात्र अपनी लिप्सा और भूख मिटाने के लिए जीवो की हत्या करना कदापि उचित नहीं है। अतः हम सभी को अपने जीवन में अधिकाधिक शाकाहार को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। 

# राजेश राष्ट्रवादी 

[विनम्र निवेदन :- कृपया पोस्ट को पढकर पोस्ट के  विषय में अपना comments अवश्य ही  published कीजिएगा ]

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