Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

अभी अभी

latest

"वृक्षारोपण (वन महोत्सव) पर सबसे अच्छा हिन्दी निबंध VRIKSHAROPAN (VAN MAHOTSAVA) PAR SABSE ACCHA HINDI NIBANDH/ ANUCHED

"वृक्षारोपण" (वन महोत्सव)   पर सबसे अच्छा हिन्दी निबंध/ अनुच्छेद "VIRAKSHAROPAN (VAN MAHOTSAV) PAR SABSE ACCHA HINDI NIBANDH ...



"वृक्षारोपण" (वन महोत्सव) पर सबसे अच्छा हिन्दी निबंध/ अनुच्छेद "VIRAKSHAROPAN (VAN MAHOTSAV) PAR SABSE ACCHA HINDI NIBANDH /ANUCHHED 

●प्रस्तावना:---प्राकृतिक रमणीयता  एवं वैभव की दृष्टि से भारतवर्ष संसार में अत्यंत प्रसिद्ध है। प्रकृति को शाश्वती एवं अनंत कहा गया है। प्राकृतिक  सुंदरता के मूलाधार वृक्ष हैं। भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में वृक्षों में देवत्व का आरोपण किया जाता है तथा उनकी पूजा की जाती है। 

पौधों को  ऋतु परिवर्तन के प्रकोप से इस प्रकार बचाया  जाता है जैसे माता पिता अपने किसी अबोध बच्चे की रक्षा करते हैं।  

पीपल, केले ,और तुलसी की पूजा का विवरण शास्त्रों में सरलता से प्राप्त हो जाता है। बेल के पत्तों को शिव की पूजा करते हुए, उन पर अर्पित करते हैं ।

कदंब ,अशोक, आंवला, आम, बेरी आदि वृक्षों का भी हमारे सामाजिक जीवन में बहुत महत्व है। हरे वृक्ष को काटना अशुभ तथा दंडनीय अपराध माना जाता था।

वृक्षों की कमी में ऑक्सीजन की मात्रा भी कम हो गई । जिससे वातावरण प्रदूषित होने लगा।

कोरोना जैसी महामारी में देश की जनता ऑक्सीजन के महत्व को बखूबी समझ चुकी है। 

भारत सरकार द्वारा प्रसारित वन महोत्सव योजना सबल प्रेरणा के अभाव में कुछ शिथिल पड़ गई थी। वनों की अभी भी अंधाधुंध कटाई हो रही थी कि गढ़वाल की जनता ने चिपको आंदोलन चलाकर सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि वनों की अवैध कटाई रोकी जाए।

सन् 1979 में उत्तर प्रदेश सरकार के हस्तक्षेप से यह आंदोलन समाप्त हुआ तथा केंद्र सरकार ने समस्त राज्य सरकारों को यह आदेश दिया कि केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना किसी भी राज्य में जंगलों की कटाई नहीं की जाएगी।

 बैंक को सहकारी संस्थाओं राज्य सरकारों तथा कुछ नहीं जी संस्थानों द्वारा वृक्षारोपण के लिए ऋण भी दिए जाते हैं। केंद्र सरकार ने वनों के संरक्षण के लिए अलग मंत्रालय भी स्थापित किया है।

●वृक्षों से लाभः- वृक्षों से हमें अनेक लाभ हैं। सर्वप्रथम इनमें हमें प्राणवायु अर्थात ऑक्सीजन प्राप्त होती है। इससे वातावरण की शुद्धि होती है तथा मानव का स्वास्थ्य सुंदर होता है। वृक्षों से तापमान नियंत्रित होता है ।देश में चलने वाली गर्म और ठंडी हवाओं से वृक्ष मनुष्य की रक्षा करते हैं। 

वृक्षों से हमें भयानक से भयानक रोगों को दूर करने वाली अमूल्य औषधियाँ प्राप्त होती है। 

 वृक्ष हमें ऋतु के अनुकूल  फल प्रदान करते हैं । इनसे हमें आवश्यक विटामिन प्राप्त होते हैं। वृक्षों से हमें सर्वश्रेष्ठ खाद भी मिलती है। जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है ।

वृक्षों से जो पत्ते ,फल एवं डंठल समय-समय पर टूटकर पृथ्वी पर गिरते रहते हैं ।वह मिट्टी में सड़ जाने के बाद उत्तम खाद के रूप में प्रयोग किए जा सकते हैं।

वृक्षों से सबसे बड़ा लाभ यह है कि वह वर्षा कराने में सहायक सिद्ध होते हैं। मानसूनी हवाओं को रोककर वर्षा करना वृक्षों का ही काम है  वृक्षों के अभाव में  वर्षा का अभाव हो जाना स्वाभाविक है।

 वर्षा के अभाव में अधिक अन्न का उत्पादन संभव नहीं है । वृक्ष देश को मरुस्थल होने से बचाते हैं।  जिस भूमि पर वृक्ष होते हैं वहां भयंकर घनघोर वर्षा में भू क्षरण नहीं हो पाता क्योंकि वर्षा का पानी वेग से पृथ्वी पर नहीं रह पाता।

घरेलू कामों के लिए इंधन गृह निर्माण के लिए लकड़ी और घर को सजाने के लिए फर्नीचर की लकड़ी भी हमें वृक्षों से ही प्राप्त होती है।  ग्रीष्म काल में वृक्ष ही हमें सुखद छाया प्रदान कर सुख और शांति पहुंचाते हैं ।

 अनेक वृक्षों की पत्तियां पशुओं के चारे के काम लाई जाती हैं। ऊंट बबूल की पत्तियों को बड़े स्नेह से खाता है ।

●निष्कर्ष :- वृक्षों से हमें  नैतिक शिक्षा भी मिलती है। मनुष्य के  निराशाओं से  भरे जीवन में आशा करना और धैर्य रखना वृक्ष हमें सिखाते हैं। 

मनुष्य जब यह देखता है कि कटा हुआ वृक्ष भी कुछ दिनों बाद फिर हरा भरा हो उठता है तो उसकी समस्त निराशाएँ  शांत होकर धैर्य और साहस भरी आशाएं हरी-भरी हो जाती हैं ।

वृक्ष परोपकार का संदेश भी देते हैं क्योंकि वे अपने फलों को स्वयं नहीं खाते हैं। वृक्ष हमारे मित्र हैं तथा हमारी नैतिक  एवं सामाजिक समृद्धि के मूल स्रोत हैं ।अतः वृक्षों को संरक्षण प्रदान करते हुए वृक्षारोपण कार्यक्रम में हमें अधिक से अधिक योगदान देना चाहिए।

🇮🇳 राजेश राष्ट्रवादी। 


विनम्र निवेदन :- कृपया पोस्ट के संदर्भ में आपके comments के  published की प्रतीक्षा रहेगी ]


No comments