"वृक्षा:" पञ्चमः पाठः, कक्षा-6/ रूचिरा भाग-1/ "VRIKSHA" CHEPTER-5,CLASS-6/हिन्दी अनुवाद, शब्दार्थ एवं अभ्यास कार्य। ...
"वृक्षा:" पञ्चमः पाठः,
(प्यारे बच्चों, पेड़ पौधे हमें ऑक्सीजन के रूप में प्राणवायु देते हैं। अतः हम सभी को वृक्षारोपण एवं उनके संरक्षण पर अधिकाधिक ध्यान देना चाहिए। वन महोत्सव के दिन हमें अधिक संख्या में पेड़ पौधे लगाने चाहिए और पेड़ पौधों के संरक्षण की प्रतिज्ञा भी लेनी चाहिए। 'वृक्षा:' एक संस्कृत कविता है। इस कविता को आप को कंठस्थ करना चाहिए और उचित अवसर पर इसका गायन भी करना चाहिए।)
● शब्दार्था:
वने वने == प्रत्येक वन में
निवसन्तः==रहते हैं ।
रचयन्ति==रहते हैं ।
शाखा==टहनी
दोला===झूला
आसीना:==बैठे हुए
विहगाः==पक्षी
किमपि==कुछ-कुछ
कूजन्ति==कूकते हैं
पिबन्ति==पीते हैं
सन्ततम्==निरंतर
साधुजना:==तपस्वी लोग/ सज्जन लोग
इव====मानो।
● संकेत :-- वने वने ..............सर्वे वृक्षाः।
हिन्दी अनुवाद:-
प्रत्येक वन में वृक्ष रहते हैं।
वृक्ष प्रत्येक वन बनाते हैं।
पक्षी टहनी रूपी झूले पर बैठे हुए हैं।
और वृक्षों पर बैठे हुए कुछ भी कूक रहे हैं।
सभी वृक्ष सज्जन लोगों की तरह हैं।
वे निरंतर हवा और जल का पान कर रहे हैं।
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● शब्दार्था:
स्पृशन्ति==छूते हैं।
पादै: == पैरों के द्वारा
नभः== आकाश को
शिरस्सु== शिर पर
वहन्ति== ढोते हैं।
पयोदर्पणे== जल रूपी दर्पण में
स्वः == अपनी
प्रतिबिम्बम् = परछाई को
कौतुकेन == उत्सुकता से
पश्यन्ति == देखते हैं।
प्रसार्य == फैलाकर
स्वच्छाया== अपनी छाया रूपी
संस्तरणम् == बिस्तरे
कुर्वन्ति == करते हैं।
● संकेत:-- स्पृशन्ति ..........सत्कारं वृक्षा:।
● अनुवाद:--
वृक्ष जड़ रूपी पैरों से पाताल को छूते हैं।
तथा सिर पर आकाश को ढोते हैं।
वृक्ष जल रूपी दर्पण में अपनी परछाई को उत्सुकता से देखते हैं ।
वृक्ष अपनी छाया रूपी बिस्तरे को फैलाकर सत्कार करते हैं।
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● अभ्यास: ----->
● प्रश्न 2
● रिक्तस्थानानि पूरयत् :---
क. त्वं जलम् पिबसि।
ख. छात्र: दूरदर्शनम् पिबति।
ग. वृक्षा: पवनम् पिबन्ति।
घ. ता: कथां लिखन्ति।
ङ आवाम् जन्तुशालाम् गच्छावः।
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● प्रश्न 3
● कर्तुपदानि चिनुत:--- (कर्ता पद को छाँटो )
क. वृक्षा: नभः शिरस्सु वहन्ति।
ख. विहगाः वृक्षेषु कूजन्ति।
ग. पयोदर्पणे वृक्षा: स्वप्रतिबिम्बम् पश्यन्ति।
घ. कृषकः अन्नानि उत्पादयति।
ङ. सरोवरे मत्स्या : सन्ति।
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● प्रश्न 4
● प्रश्नानामुत्तराणि एकपदेन लिखत :--
(प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखो )
क. वृक्षा: कै: पातालं स्पृशन्ति ?
उत्तर :--पादै:
ख. वृक्षा: किं रचयन्ति ?
उत्तर:--- वनं
ग. विहगाः कुत्र आसीना: ?
उत्तर:-- शाखादोलासीना : ।
घ. कौतुकेन वृक्षा: किं पश्यन्ति ?
उत्तर:-- स्वप्रतिबिम्बम्
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● प्रश्न:6
● भिन्नप्रकृतिकं पदं चिनुत:--
(अलग स्वभाव वाले शब्दों को छाँटो)
क. गंगा , लता , यमुना , नर्मदा
ख. उद्यानम् , कुसुमम् , फलम् , चित्रम्
ग. लेखनी , तूलिका , चटका , पाठशाला
घ. आम्रम् कदलीफलम् , मोदकम् , नारंगम् ।
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#राजेश राष्ट्रवादी
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