पण्डिता रमाबाई/ पञ्चमः पाठ:/ कक्षा-7/रूचिरा भाग-2 /शब्दार्था: /अभ्यासः /PANDITA RAMABAI /LESSON-5/CLASS-7/RUCHIRA PART-2 पण्ड...
पण्डिता रमाबाई/ पञ्चमः पाठ:/ कक्षा-7/रूचिरा भाग-2 /शब्दार्था: /अभ्यासः /PANDITA RAMABAI /LESSON-5/CLASS-7/RUCHIRA PART-2
शब्दार्था:---
स्त्रीशिक्षाक्षेत्रे = स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में
अग्रगण्या = अग्रणी
ख्रिष्टाब्दे = ईसवी वर्ष में
स्थिति: = हालत
प्रायः = आमतौर पर
चिन्तनीया = शोक के योग्य
रूढिबद्धाम् = पुरानी परम्परा में बंधी
धारणाम् = सोच को
परित्यज्य = छोडकर
प्रतारणाम् = डाँट- डपट
अध्यापयत् = पढाया
एतदर्थम् = इसके लिए
असहत् = सहन की / सहन किया
स्वमातु: = अपनी माता से
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कालक्रमेण = समय बीतने पर
विपन्न: = गरीब
ज्येष्ठा = सबसे बड़ी
दुर्भिक्षपीड़िता: = अकाल से सताए हुए
समग्रम् = सारा
संस्कृतवैदुष्येण = संस्कृत में विद्वता से
उपाधिभ्याम् = दो उपाधियों के द्वारा
प्रभाविता = प्रभाव में आई
वेदाध्ययनम् = वेदों की पढ़ाई
कृते = लिए
आन्दोलनम् = अभियान
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न्यायालये = कचहरी में
सार्धेकवर्षानन्तरम् = डेढ़ साल बाद
दिवंगत: = मर गया
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प्रत्यागच्छतः = लौटा / लौटी
स्वमतम् = अपना मत
सम्मानाय = सम्मान के लिए
अर्पितवती = ( स्त्री) ने अर्पित किया
उच्चशिक्षार्थम् = ऊँची पढाई के लिए
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विधवास्त्रीणाम् = पतिविहीन स्त्रियों की
सहायतार्थम् = सहायता के लिए
अर्थसञ्चयम् = धन संग्रह
प्रत्यागत्य = लौटकर
अस्थापयत् = स्थापित किया
स्थानान्तरितम् = बदले स्थान वाला
मुद्रण = छपाई
टंकण = टाईप करना
काष्ठकला = लकड़ी की कारीगरी
आदीनाम् = आदियों का
प्रशिक्षणम् = सीखना
संस्थानम् = संस्था
निराश्रिता: = शरणहीन स्त्रियाँ
ससम्मानम् = सम्मान के साथ
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निधनम् = मृत्यु
महत्वपूर्णम् = महत्वपूर्ण
लेखनक्षेत्रे = लेखन के क्षेत्र में
अवदानम् = योगदान
प्रसिद्धम् = मशहूर
रचनाद्वयम् = दो रचनाएँ
--:पाठ का अनुवाद:---
संकेत:- स्त्रीशिक्षाक्षेत्रे .....प्रभाविता जाता।
हिन्दी अनुवाद:- स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी पंडिता रमाबाई का जन्म 1858 में हुआ। उनके पिता अनंत शास्त्री डोंगरे और माता लक्ष्मीबाई थी। उस समय स्त्री शिक्षा की दशा शोचनीय थी। स्त्रियों के लिए संस्कृत की शिक्षा प्रायः प्रचलित नहीं थी। किंतु डोंगरे जी ने पुरानी धारणाओं को त्याग कर अपनी पत्नी को संस्कृत पढ़ाई । इसके लिए उन्होंने समाज की प्रताड़ना भी सही । बाद में रमा ने भी अपनी माँ से संस्कृत की शिक्षा प्राप्त की।
समय बीतने पर रमा के पिताजी की आर्थिक दशा खराब हो गई। उनके माता-पिता और सबसे बड़ी बहन अकाल के कष्ट से मारे गए। उसके बाद रमा अपने सबसे बड़े भाई के साथ सारे भारत में घूमीं। घूमते हुए वह कोलकाता पहुँची। संस्कृत की विद्वता के प्रभाव से उन्हें वहाँ 'पंडिता' और 'सरस्वती' की उपाधि से सम्मानित किया गया। वहाँ उन्होंने ब्रह्मसमाज से प्रभावित होकर वेदों का अध्ययन किया। उसके पश्चात स्त्रियों की वेद शास्त्र आदि की शिक्षा के लिए आंदोलन शुरू किया।
1880 ईसवी में उन्होंने विपिनबिहारी दास के साथ बांकीपुर अदालत में विवाह किया। डेढ़ वर्ष के बाद उनके पति परलोक सिधार गए।
इसके बाद वह बेटी मनोरमा के साथ जन्मभूमि महाराष्ट्र लौटी। महिलाओं के सम्मान और शिक्षा के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। हण्टर- शिक्षा आयोग के सामने इन्होंने नारी शिक्षा के विषय में अपना मत प्रस्तुत किया। वह उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गई। वहाँ ईसाई धर्म के स्त्रियों के विषय में उत्तम विचारों से प्रभावित हुई।
संकेत:--इंग्लैण्डदेशात्.....रचनाद्वयम् वर्तते।
हिन्दी अनुवाद:- इंग्लैंड देश से रमाबाई अमेरिका देश को गई। वहाँ उन्होंने भारत की विधवा स्त्रियों की सहायता के लिए धन संचय किया। भारत लौटकर मुंबई नगर में उन्होंने 'शारदा सदन' की स्थापना की। इस आश्रम में निस्सहाय औरतें रहती थी। वहाँ औरतें छपाई, टाइपिंग और कास्ठकला आदि का प्रशिक्षण प्राप्त करती थीं। बाद में इस सदन को उन्हें नगर के समीप स्थानांतरित किया गया। तब पुणे नगर के समीप केडगाँव स्थान पर 'मुक्तिमिशन' नामक संस्था स्थापित की गई । यहाँ अब भी बेसहारा स्त्रियाँ सम्मान के साथ जीवन बिताती हैं।
1922 ईसवी में रमाबाई महोदया की मृत्यु हुई। वे देश- विदेश की अनेक भाषाओं में निपुण थीं। समाज सेवा के अतिरिक्त लेखन क्षेत्र में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
'स्त्री धर्मनीति' और 'हाई कास्ट हिंदू विमेन' उनकी दो प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।
प्रश्न 1:- एकपदेन उत्तरत्
(एक शब्द में उत्तर लिखो)
क. 'पण्डिता' 'सरस्वती' इति उपाधिभ्याम् का विभूषिता ?
उत्तर:- रमाबाई ।
ख. रमा कुतः संस्कृतशिक्षां प्राप्तवती ?
उत्तर:- स्वमातु:।
ग. रमाबाई केन सह विवाहम् अकरोत् ?
उत्तर :- विपिनबिहारीदासेन ।
घ. कासां शिक्षायै रमाबाई स्वकीयं जीवनम् अर्पितवती?
उत्तर :- स्त्रीणाम्।
ङ. रमाबाई उच्चशिक्षार्थम् कुत्र अगच्छत् ?
उत्तर :- इंग्लैण्डदेशम् ।
प्रश्न 3-- प्रश्नानामुत्तराणि लिखत्।
(प्रश्नों के उत्तर लिखो )
क. रमाबाई किमर्थम् आन्दोलनम् प्रारब्धवती ?
उत्तर :-- रमाबाई बालिकाणाम् स्त्रीणाम् च कृते संस्कृतस्य वेदशास्त्रादिकस्य च शिक्षायै आन्दोलन प्रारब्धवती।
ख. नि:सहाया: स्त्रियः आश्रमे किं लभन्ते स्म ?
उत्तर:- नि:स्सहाया: स्त्रिया आश्रमे मुद्रण- टंकण- काष्ठकलादीनाञ्च प्रशिक्षणं लभन्ते स्म ।
ग. कस्मिन् विषये रमाबाई महोदयायाः योगदान अस्ति ?
उत्तर:- स्त्रीशिक्षायां समाजसेवायाञ्च रमाबाई महोदयाया: योगदानं अस्ति ।
घ. केन रचनाद्वयेन रमाबाई प्रशसिता वर्तते?
उत्तर :- 'स्त्रीधर्मनीति' 'हाई कास्ट हिन्दू विमेन ' इति रचनाद्वयेन रमाबाई प्रशंसिता व्रतते।
पढो, लिखो और आगे बढो।
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