संसारसागरस्य नायका: पाठ: 8, हिन्दी अनुवाद, अभ्यास कार्य, रूचिरा भाग -3 /SANSAR SAGARAYASYA NAYAKA,CHEPTER-8,HINDI ANUWAD, ABHYAS ...
संसारसागरस्य नायका:
संकेत:- के आसन्........केनापि प्रयतितम्।
हिन्दी अनुवाद:-
वे अज्ञात नाम वाले कौन थे ?
सैकड़ों, हजारों तालाब अचानक ही शून्य से(आकाश से) प्रकट नहीं हुए हैं। ये तालाब ही यहाँ संसार सागर कहे गए हैं। इन तालाबों के निर्माण के पीछे, निर्माण करवाने वालों की एक और निर्माण करने वालों की संख्या दश में थी। इनकी संख्या एक से दश, दश से सौ और सौ से हजार बढ़ती जाती थी। परंतु पिछले दो सौ वर्षों में नई पीढ़ी वाले समाज के द्वारा जो कुछ पढ़ा गया। उस पढे हुए समाज के द्वारा एक- दस- हजार की संख्या को शून्य में बदल दिया है। इस नये समाज के मन में यह जिज्ञासा भी उत्पन्न नहीं होती कि इससे पहले इन तालाबों के निर्माण कौन करते थे ? इस प्रकार के कार्यों को करने के लिए ज्ञान की जो नई तकनीक विकसित की गई, उस तकनीक के द्वारा भी पहले संपन्न किए गए इस कार्य को मापने के लिए कोई प्रयत्न नहीं किया गया ।
संकेत:- अद्य ये अज्ञातनामनः....शिल्पिभ्यः।
हिन्दी अनुवाद:-- आज इन अज्ञात नाम वालों को नहीं जाना जाता। पहले वे बहुत प्रसिद्ध थे। संपूर्ण देश में तालाब बनाए जाते थे, निर्माण करने वाले संपूर्ण देश में रहते थे।
'गजधर' जैसा सुंदर शब्द तालाब निर्माण करने वालों के लिए, आदरपूर्वक याद करने के लिए राजस्थान के कुछ भागों में यह शब्द आज भी प्रचलित है। गजधर कौन हैं ? जो गज को धारण करता है वह गजधर कहलाता है गज की छड़ (परिमाण) ही मापने के कार्य में प्रयोग होती है। समाज में तीन हाथ की लंबी लोहे की छड़ हाथ में पकड़ कर चलने वाले गजधर, इस समय शिल्पीकार के रूप में सम्मानित नहीं हैं। गजधर, जो समाज की गहराई को मापता है, इसी रूप में परिचित है।
गजधर वास्तुकार थे। चाहे ग्रामीण समाज हो, चाहे शहरी समाज हो, उसके नव निर्माण का और उसके सुरक्षा प्रबंध का दायित्व गजधर ही निभाते थे। नगर-नियोजन से लेकर छोटे-छोटे सभी कार्य इन्हीं पर आधारित होते थे। वे योजना प्रस्तुत करते थे, होने वाले खर्च का आकलन करते थे। उस कार्य में जिन उपकरणों का उपयोग होना है उसे इकट्ठा भी करते थे। बदले में वे वह चीज नहीं मांगते थे जो देने में उनके मालिक असमर्थ होते थे। कार्य की समाप्ति पर वेतन के अतिरिक्त गजधरों को सम्मान भी दिया जाता था।
ऐसे शिल्पकारों को नमस्कार है।
🌹अभ्यास:--🌹
प्रश्न 1:- एकपदेन उत्तरत:--
क. कस्य राज्यस्य भागेषु गजधरः शब्द: प्रयुज्यते ?
उत्तर- राजस्थानस्य ।
ख. गजपरिमाणं कः धारयति?
उत्तर- गजधर:।
ग. कार्यसमाप्तौ वेतनानि अतिरिच्य गजधरेभ्यः किं प्रदीयते स्म ?
उत्तर- सम्मानम्।
घ. के शिल्पीरूपेण न समादृता: भवन्ति?
उत्तर- गजधरा:।
प्रश्न 2:- अधोलिखितानां प्रश्नानामुत्तराणि लिखत्--
क. तडागा: कुत्र निर्मीयन्ते स्म?
उत्तर- तडागा: सम्पूर्ण देशे निर्मीयन्ते स्म।
ख. गजधरा: कस्मिन् रूपे परिचिताः ?
उत्तर-गजधरा: वास्तुकार रूपे परिचिताः।
"पढेगा भारत तो बढेगा भारत।"
ReplyDeleteTHANK YOU SIR
ReplyDeleteआपके उज्जवल भविष्य की मंगलकामनाएँ।
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