Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

अभी अभी

latest

समवायो हि दुर्जयः/कक्षा-7/ पाठः 11,शब्दार्था:, हिन्दी अनुवाद, अभ्यास के प्रश्न-उत्तर आदि /SAMVAYO HI DURJAYA /CLASS-7/CHEPTER-11 ,MEANINGS, QUESTION- ANSWER ETC.

समवायो हि दुर्जयः/कक्षा-7/पाठः 11,शब्दार्था:,  हिन्दी अनुवाद, अभ्यास के प्रश्न-उत्तर आदि / SAMVAYO HI DURJAYA /CLASS-7/CHEPTER-11 ,MEANINGS,...


समवायो हि दुर्जयः/कक्षा-7/पाठः 11,शब्दार्था:,  हिन्दी अनुवाद, अभ्यास के प्रश्न-उत्तर आदि / SAMVAYO HI DURJAYA /CLASS-7/CHEPTER-11 ,MEANINGS,  QUESTION- ANSWER ETC.

      समवायो हि दुर्जय:

                 [एकता अजेय है]

शब्दार्था:

पुरा = प्राचीन समय में

शुण्डेन= सूँड से

एकस्मिन् वृक्षे= एक वृक्ष पर

सन्तति:= सन्तान 

चटका = चिडिया

प्रतिवसति स्म्= रहती थी

कालेन= समय बीतने पर

एकदा= एक बार 

कश्चित् =कोई 

प्रमतः= मतवाला 

गजः = हाथी

अधः = नीचे

आगत्य = आकर

शाखाम् = डाली को

अत्रोटयत् =तोड डाली

नीडम् = घोंसला 

भुवि  = भूमि पर

अपतत् = गिर गया 

अण्डानि = अंडे

विशीर्णानि = टूट गये 

व्यलपत् = विलाप किया 

विलापम् = विलाप को 

काष्ठकूट: = कठफोडवा 

खगः = पंछी

नाशिता = नष्ट कर दी

वधेन = हत्या के द्वारा 

अपसरेत् =हट सकता है 

मक्षिकाया: =मक्खी के

मण्डूकः = मेंढक

पुर: = सामने 

वृत्तान्तम् = घटना 

न्यवेदयताम् = दोनों ने निवेदन किया 

यथा = जैसे

मध्यान्हे = दोपहर में 

कर्णे = कान में 

नयने = दोनों आँखे 

निमील्य = बंद करके 

चञ्च्वा = चोंच से 

स्फोटयिष्यति = फोडेगा 

अन्धः = अन्धा 

तृषार्तः = प्यास से व्याकुल 

महान् = बडा

गर्तः = गड्ढा 

अन्तिके = पास 

शब्दम् = आवाज को 

जलाशयम् = तालाब को 

बहूनाम् = बहुतों का 

असाराणाम् = कमजोरों का 

समवायः = समूह 

दुर्जयः = कठिनाई से जीतने योग्य 

संकेत:- पुरा एकस्मिन ..... .....  वृतान्तं न्यवेदयताम्। 

हिन्दी अनुवाद:-- प्राचीन समय में एक पेड पर एक चिड़िया रहती थी।  समय बीतने पर उसकी संतान पैदा हुई। एक बार मतवाले हाथी ने उस पेड़ के नीचे आकर उसकी टहनी को सूँड से तोड़ दिया। चिड़िया का घोंसला जमीन पर गिर गया। उसके अंडे फूट गए।  तब उस चिड़िया ने विलाप किया। उसके विलाप को सुनकर कठफोड़वा नामक पक्षी ने दुख से उससे पूछा-" अरे भली (चिड़िया) ! किस लिए विलाप कर रही हो ?

 चिड़िया बोली, "एक दुष्ट हाथी के द्वारा मेरी संतान मारी गई है। उस हाथी के वध से ही मेरा दुख जाएगा।" तब कठफोड़वा उसे  वीणारवा नामक मक्खी के पास ले गया। उन दोनों की बात सुनकर मक्खी ने कहा," मेरा भी मित्र मेघनाद मेंढक है । जल्दी से उसके पास जाकर जैसा ठीक होगा वैसा करेंगे। तब उन दोनों ने मक्खी के साथ जाकर मेघनाद के सामने सारी बात बतायी।


संकेत:- मेघनाद: अवदत्........... समवायो हि दुर्जय: ।"

हिन्दी अनुवाद:-- मेघनाद बोला," जैसा मैं कहता हूँ वैसा तुम दोनों करो। मक्खी! पहले तुम दोपहर में उस हाथी के कान में आवाज करो, जिससे वह आंखें बंद करके खड़ा रहेगा।  तब कठफोड़वा उसकी दोनों आंखें फोड़ डालेगा। इस प्रकार वह हाथी अंधा हो जाएगा। प्यास से व्याकुल होकर वह तालाब की ओर जाएगा । रास्ते में बहुत बड़ा गड्ढा है। उसके पास मैं रुकूँगा और आवाज करूँगा । मेरी आवाज से उस गड्ढे को तालाब मानकर वह उसी गड्ढे में गिरेगा और मर जाएगा। तब वैसा करने पर वह हाथी दोपहर में मेंढक के शब्द का पीछा करके विशाल गड्ढे के अंदर गिरा और मर गया। 

इसलिए कहा गया है-- " बहुत से निर्बलों के समूह को जीतना कठिन ही है।"

प्रश्न 1:-प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत्

क. वृक्षे का प्रतिवसति स्म ?

उत्तर:- चटका ।

ख. वृक्षस्य अधः कः आगतः ?

उत्तर:- गजः

ग. गजः केन शाखाम् अत्रोटयत् ?

उत्तर:- शुण्डेन 

घ. काष्ठकूट: चटकां कस्या: समीपम् अनयत्?

उत्तर:- मक्षिकाया: 

ङ मक्षिकाया: मित्रं कः  आसीत्?

उत्तर:- मण्डूकः 

प्रश्न 3:- मञ्जूषातः क्रियापदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत् 

क. काष्ठकूटः चञ्च्चवा गजस्य नयने...... ।

ख. मार्गे स्थितः अहमपि शब्दं......।

ग. तृषार्तः गजः जलाशयं.......।

घ. गजः गर्ते.........।

ङ. काष्ठकूटः तां मक्षिकायां समीपं...... ।

च. गजः शुण्डेन वृक्षकाया: ..........।

उत्तर:--

क= स्फोटयिष्यति। 

ख= करिष्यामि। 

ग= गमिष्यति । 

घ= पतिष्यति। 

ङ= अनयत् ।

च= त्रोटयति। 

प्रश्न 4:- प्रश्नानाम् उत्तराणि एकवाक्येन लिखत--

 चटकाया: विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः तां किम् अपृच्छत्  ?

उत्तरम्:- चटकाया: विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः ताम् अपृच्छत्," भद्रे! किमर्थं विलपसि?"

ख. चटकायाः काष्ठकूटस्य च वार्तां श्रुत्वा मक्षिका किम् अवदत् ?

उत्तरम्:- चटकाया: काष्ठकूटस्य च वार्तां श्रुत्वा मक्षिका अवदत्,"ममापि मित्रं मण्डूकः मेघनादः अस्ति।  शीघ्रं तमुपेत्य यथोचितं करिष्यामः। "

ग. मेघनाद: मक्षिकाम् किम् अवदत् ?

उत्तरम्:- मेघनादः मक्षिकाम् अवदत्, "यथाहं कथयामि तथा कुरूतम्।"

घ. चटकां काष्ठकूटं किम् अवदत् ?

उत्तरम्:- चटका काष्ठकूटम् अवदत्, " दुष्टनैकेन गजेन मम् सन्ततिः नाशिता।  तस्य गजस्य वधेनैव मम् दु:खमपसरेत् ।"

प्रश्न 7:- कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत----

क. .......... बालिका मधुरं गायति। 

ख........... कृषका: कृषिकर्माणि कुर्वन्ति। 

ग............पत्राणि सुन्दराणि सन्ति। 

घ. धेनवः दुग्धं.........।

ङ. वयं संस्कृतं..........।

उत्तरम्---

क. एका

ख. चत्वारः

ग. तानि 

घ. ददति

ङ अपठाम् 

नोट:- कृपया उपरोक्त प्रयास के संदर्भ में अपने विचार comments में अवश्य ही लिखिए।

🇮🇳 राजेश राष्ट्रवादी




1 comment