Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

अभी अभी

latest

कुत्ता पालना चाहिए या नहीं ??/ KUTTA PALNA CHAIYE YA NHI ???T

  कुत्ता पालना चाहिए या नहीं ??/  KUTTA PALNA CHAIYE YA NHI ??? कुत्ता पालने का विचार करने वाले निम्न बातों को ध्यान में रखकर कुत्ता पालने अ...

 


कुत्ता पालना चाहिए या नहीं ??/ 

KUTTA PALNA CHAIYE YA NHI ???

कुत्ता पालने का विचार करने वाले निम्न बातों को ध्यान में रखकर कुत्ता पालने अथवा न पालने का निर्णय लें।:-

सनातन धर्म के शास्त्रों के अनुसार...

1. जिसके घर में कुत्ता होता है उसके यहाँ देवता भोजन ग्रहण नहीं करते ।

2. यदि कुत्ता घर में हो और किसी का देहांत हो जाए तो देवताओं तक पहुँचने वाली वस्तुएं देवता स्वीकार नहीं करते, अत: यह मुक्ति में बाधा हो सकता है।

3. कुत्ते के छू जाने पर द्विजों के यज्ञोपवीत खंडित हो जाते हैं, अत: धर्मानुसार कुत्ता पालने वालों के यहाँ ब्राह्मणों को नहीं जाना चाहिए ।


4. कुत्ते के सूंघने मात्र से प्रायश्चित्त का विधान है, कुत्ता यदि हमें सूंघ ले तो हम अपवित्र हो जाते हैं ।

5. कुत्ता किसी भी वर्ण के यहाँ पालने का विधान नहीं है ।


6. और तो और अन्य वर्ण (जाति) यदि कुत्ता पालते हैं तो वे भी उसी गति को प्राप्त हो जाते हैं।


7. कुत्ते की दृष्टि जिस भोजन पर पड़ जाती है वह भोजन खाने योग्य नहीं रह जाता।

और यही कारण है कि जहाँ कुत्ता पला हो वहाँ जाना नहीं चाहिए ।

उपरोक्त सभी बातें शास्त्रीय हैं अन्यथा ना लें, ये कपोल कल्पित बातें नहीं ।

इस विषय पर कुतर्क करने वाला व्यक्ति यह भी स्मरण रखे कि...           

कुत्ते के साथ व्यवहार रखने के कारण तो धर्मनिष्ठ युधिष्ठिर को भी स्वर्ग के बाहर ही रोक दिया गया था।


घर मे कुत्ता पालने की शास्त्रीय शंका समाधान:--

महाभारत में महाप्रस्थानिक / स्वर्गारोहण पर्व का अंतिम अध्याय इंद्र ,धर्मराज और युधिष्ठिर संवाद में इस बात का उल्लेख है।

जब युधिष्ठिर ने पूछा कि मेरे साथ साथ यहाँ तक आने वाले इस कुत्ते 🐕‍🦺 को मैं अपने साथ स्वर्ग क्यों नही ले जा सकता हूँ ?


तब इंद्र ने कहा। इंद्र उवाच :--           

हे राजन कुत्ता पालने वाले के लिए स्वर्ग में स्थान नही है ! ऐसे व्यक्तियों का स्वर्ग में प्रवेश वर्जित है।

कुत्ते से पालित घर मे किये गए यज्ञ,और पुण्य कर्म के फल को क्रोधवश नामक राक्षस उसका हरण कर लेते हैं और तो और उस घर के व्यक्ति जो कोई दान, पुण्य, स्वाध्याय, हवन और कुआँ, बावड़ी इत्यादि बनाने के जो भी पुण्य फल इकट्ठा होता है, वह सब घर में कुत्ते की उपस्थिती उसकी दृष्टि पड़ने मात्र से निष्फल हो जाता है ।

इसलिए कुत्ते का घर मे पालना...निषिद्ध और वर्जित है।


कुत्ते का संरक्षण होना चाहिए ,उसे भोजन देना चाहिए, घर की रोज की एक रोटी पर कुत्ते का अधिकार है। इस पशु को कभी प्रताड़ित नही करना चाहिए‌ और दूर से ही इसकी सेवा करनी चाहिए।‌ परंतु घर के बाहर..... घर के अंदर नहीं। यह शास्त्र मत है।

अतिथि और गाय, ... घर के अंदर ।

कुत्ता, कौवा, चींटी... घर के बाहर, ही फलदाई होते हैं।


यह लेख शास्त्र और धर्मावलंबियों के लिए है....आधुनिक विचारधारा के लोग इससे सहमत या असहमत होने के लिए बाध्य नहीं है। 

गाय, बूढ़े माता-पिता क्रमशः दिल, घर, शहर से निकलते हुए गौशालाओं व वृद्धाश्रम में पहुँच गए और कुत्ते घर के बाहर से घर, सोफे, बिस्तर से होते हुए दिल मे पहुँच गए। ... यही सांस्कृतिक पतन है।

🌹🙏 जय श्री मन नारायण 🌹🙏

No comments