हिन्दी-मुहावरे / अर्थ एवं उदाहरण सहित/ 125+.../ HINDI-MUHAVRE/ARTH EVAM UDAHARAN SAHIT/125+... 1.अंधे की लाठी (एक मात्रा सहारा) = कमल अपने...
HINDI-MUHAVRE/ARTH EVAM UDAHARAN SAHIT/125+...
(एक मात्रा सहारा)
= कमल अपने माता -पिता के लिए अंधे की लकडी था।
2.अन्त बिगाड़ना
(अंतिम दिनों में बुरा करना)
= पंकज का रिटायर्मेंट नजदीक था। रूपयों की हेरा-फेरी करके उसने अपना अंत बिगाड लिया।
3. अक्ल के पीछे लट्ठ लिये फिरना (मूर्खतापूर्ण कार्य करना)
=तुम तो अक्ल के पीछे लट्ठ लिये फिरते हो, जो दूसरों के झगडे में सिर फोड़ आए।
4. अक्ल पर पत्थर पड़ना
( बुद्धि नष्ट होना )
=मेरी ही अक्ल पर पत्थर पड़ गये थे , जो बैंक की नौकरी छोड़ बैठा ।
5. अक्ल चरने जाना
( बुद्धि से काम न लेना )
=बड़े भाई पर हाथ उठाते समय मेरी अक्ल चरने चली गयी थी ।
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6. अगर - मगर करना
( हुज्जत या तर्क करना , टाल - मटोल करना )
=सुनीता किसी के द्वारा कही गयी बात को बिना अगर - मगर किये स्वीकार ही नहीं करती ।
7. अपना उल्लू सीधा करना
( स्वार्थ सिद्ध करना)
=आजकल नेता लोग वोट के लिए खुशामद करके अपना उल्लू सीधा करते हैं ।
8. अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना
( अपनी हानि स्वयं करना )
=पढ़ाई का समय व्यर्थ में गँवाकर तुमने अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारी है ।
9. अपना - सा मुँह लेकर रह जाना
( लज्जित होना )
=राकेश की झूठी बात की वास्तविकता का जब सभी सहकर्मियों को पता चल गया तो राकेश अपना - सा मुँह लेकर रह गया ।
10. अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना
( अपनी प्रशंसा स्वयं करना )
=आजकल के नेता अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने में गर्व का अनुभव करते हैं ।
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11. अपने पैरों पर खड़ा होना
(स्वावलम्बी होना )
=विकास के माता - पिता उसकी शादी करना चाहते थे , लेकिन उसने कहा कि जब तक वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं होगा , तब तक शादी नहीं करेगा ।
12. अंक लगाना
( स्नेह से लिपटा लेना )
= जब रवि एक माह बाद राष्ट्रीय खेलों में पुरस्कार लेकर वापिस लौटा तो उसकी दादी ने उसे अपने अंक लगा लिया ।
13.अंगारे सिर पर रखना
( विपत्ति मोल लेना )
= सभी कार्य सोच - समझकर करने चाहिए । सीता का हरण कर रावण ने बेवजह अंगारे सिर पर रख लिए ।
14.अंगार उगलना
( कठोर बात कहना )
= वह बातें क्या कर रहा था , मानो अंगारे उगल रहा था ।
15.अंगूठा दिखाना
( स्पष्ट मना कर देना )
= जब तक लिपिक ने उसका कार्य नहीं कर दिया था , तब तक वह उसे कुछ राशि देने का वायदा करता रहा । काम होते ही उसने लिपिक को अँगूठा दिखा दिया ।
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16.अंगूठी का नगीना
(सर्वोपयुक्त जोड़ा मिलना)
= राम के लिए सीता और शिव के लिए पार्वती अँगूठी के नगीने के समान ही थीं ।
17. अण्डे सेना
( घर पर बैठे रहना )
= आपको हड़ताल छोड़ अपने काम पर लौट जाना चाहिए । यहाँ पर अण्डे सेने से लाभ नहीं होगा ।
18.आँख दिखाना
( धमकाना )
= वह मुझसे ₹ 500 उधार तो बड़ी नम्रता से माँगकर ले गया , अब मैं माँगता हूँ तो मुझे आँखें दिखाता है ।
19.आँखों पर परदा पड़ना
( वास्तविक न दिखाई देना )
= भारत की आँखों पर तो ऐसा परदा पड़ गया है कि विश्वसघाती चीन को भी वह अपना मित्र समझ बैठा है ।
20. अंगारे बरसना
( अत्यधिक गर्मी पड़ना )
= इस वर्ष तो अप्रैल माह में ही अंगारे बरसने लगे । बाद के महीनों में न जाने क्या होगा ।
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21. आँखें फेरना
( मुँह मोड़ना )
= नीरज ने अपने मित्र को मुसीबत में देखकर आँखें फेर लीं ।
22.आँखों में धूल झोंकना
( धोखा देना )
= अनेक व्यापारी मिलावट करके ग्राहकों की आँखों में धूल झोंक रहे हैं ।
23. आंखों का तारा होना
( अत्यन्त प्रिय होना )
= राम कौशल्या की आँखों के तारे थे ।
24. आँखें नीची होना
( शर्मिन्दा होना )
= घोटाले में पकड़े गये मन्त्रियों की आँखें उसी समय नीची होती हैं , जब पत्रकारों द्वारा उनकी तस्वीरे उतारी जाती हैं ।
25.आग में घी डालना
( क्रोध को और बढ़ाना )
= किसी भी वाद - विवाद के समय बीती बातों का जिक्र आग में घी डालने का काम करता है ।
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26. आ बैल मुझे मार
( मुसीबत मोल लेना )
= रमेश ने अपने अधिकारी की बात न मानकर मुसीबत मोल ले ली इसे कहते हैं आ बैल मुझे मार ।
27. आग बबूला होना
(अत्यधिक क्रोधित होना)
= कार्य में लापरवाही बरतने का मिथ्या दोषारोपण किये जाने के कारण विकास अपने अधिकारी पर आग बबूला हो उठा ।
28. आस्तीन का साँप
( विश्वासघाती मित्र )
= भारत चीन को मित्र समझता था । भारत पर आक्रमण करके उसने स्वयं को आस्तीन का साँप सिद्ध कर दिया ।
29. आसमान पर थूकना
( महान् व्यक्ति पर दोषारोपण करना )
= देश के राष्ट्रपति के ऊपर कदाचार का आरोपण आसमान पर थूकने जैसा है ।
30.आसमान के तारे तोड़ना
(असम्भव काम)
= तुम प्रधानमन्त्री बनने के स्वप्न देख रहे हो ।
तुम्हारे जैसे गँवार के लिए तो विधायक बनना भी आसमान के तारे तोड़ने से कम नहीं है ।
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31. आठ - आठ आँसू रोना
( अत्यधिक आँसू बहाना )
=अपने पिता के स्वर्गवास पर आलोक के साथ परिवार के सभी सदस्य आठ - आठ आँसू रोये ।
32. आधा तीतर आधा बटेर
( न इधर का न उधर का )
=अध्यापक ने छात्रों को समझाया कि या तो अंग्रेजी में बात किया करें या हिन्दी में । बातचीत के दौरान आधा तीतर आधा बटेर उचित नहीं ।
33. आसमान टूट पड़ना
( असम्भव घटित होना )
=यदि सरकारी गोदामों में रखा गया अतिरिक्त अनाज गरीबों को मुफ्त दे दिया जाएगा , तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा ।
34. आप काज महाकाज
( अपना कार्य सबसे महत्त्वपूर्ण )
=अनिमेश के लिए दूसरे बहुत महत्त्वपूर्ण कार्य का भी कोई महत्त्व नहीं होता । उसका तो यही मानना है कि आप काज महाकाज ।
35. आकाश - पाताल एक कर देना (असीमित प्रयत्न करना )
=इस वर्ष आई ० ए ० एस ० परीक्षा की तैयारी के लिए सुरेश ने आकाश पाताल एक कर दिया ।
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36. इज्जत मिट्टी में मिलना
( सम्मान नष्ट होना )
=बेटा , तुमने तो चोरी करके मेरी इज्जत मिट्टी में मिला दी ।
37. इधर की उधर लगाना
( चुगली करना )
= इधर की उधर लगाते - लगाते ही अनिल ने दो लोगों के घनिष्ठ सम्बन्ध में दरार पैदा कर दी ।
38. ईंट से ईंट बजाना
(समूल विनाश करना)
= यदि कोई शत्रु देश भारत पर आक्रमण करने का दुःसाहस करेगा तो भारतीय सैनिक उसकी ईंट से ईंट बजा देंगे ।
39. ईद का चाँद होना
( अधिक दिनों में दिखायी देना )
= भाई विपिन , जब से तुम इंजीनियर बने हो , ईद का चाँद हो गये हो ।
40. ईंट का जवाब पत्थर से देना
( दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना )
= भारत शान्तिप्रिय देश है , परन्तु पाकिस्तान ने यदि उसके साथ कोई अनुचित कार्य किया , तो ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा ।
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41. उड़ती चिड़िया पहचानना अथवा
/उडती चिड़िया के पंख गिन्ना
( दूर से हो वास्तविकता को समझ जाना )
= चोर दारोगा को अपने चोर न होने की दुहाई दे रहा था । दारोगा ने उससे कहा कि मैं अनाड़ी नहीं हूँ , मैं उड़ती चिड़िया पहचानता हूँ ।
42. उल्टी गंगा बहाना
( नियम विरुद्ध कार्य करना )
= मोहन का मित्र सदैव उसके हित की बात करता है , परन्तु वह उसे अपना विरोधी बताकर हमेशा उल्टी गंगा बहाता है ।
43. उल्लू करना
( स्वार्थ सिद्ध करना )
= राम ने श्याम से ही अपने सारे कठिन कार्य करवा कर अपना उल्लू सीधा कर लिया ।
44. उँगलियों पर नचाना
( मनमानी करना )
= स्त्रैण पुरुषों को उनकी स्त्रियाँ हमेशा अपनी उँगलियों पर नचाया करती हैं ।
45. ऊँट के मुँह में जीरा
(अति अल्प साधन ) = गुजरात की प्राकृतिक आपदा से पीड़ित जनता के लिए दो - चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता तो ऊँट के मुँह में जीरे के समान है ।
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46. एक अनार सौ बीमार
( एक वस्तु को प्राप्त करने के लिए बहुत लोगों का प्रयास करना )
= आजकल एक छोटी - सी नौकरी के लिए सैकड़ों सिफारिशें आती हैं । इसी को कहते हैं- एक अनार सौ बीमार
47. एक आँख से देखना
( समान भाव रखना )
= राज्यवर्धन एक दयालु एवं प्रजापालक राजा थे । वे सभी को एक आँख से देखते थे
48. एक ही लकड़ी से हाँकना
( अच्छे - बुरे की पहचान न होना )
= पराधीनता के दिनों में अंग्रेजों ने उचित - अनुचित का विवेक न करते हुए सभी भारतवासियों को एक ही लकड़ी से हाँक दिया ।
49. एक और एक ग्यारह होना
( संगठित होना )
= पाकिस्तानियों के षड्यन्त्रों को विफल करने के लिए भारतीयों को एक और एक ग्यारह होना पड़ेगा ।
50. ओखली में सिर देना
( जान - बूझकर मुसीबत मोल लेना )
=जब ओखली में सिर दे ही दिया है , तब डरना व्यर्थ है ।
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51. कान पर जूं न रेंगना
( अनसुनी करना )
= जनता अपनी समस्याओं के समाधान के लिए गुहार लगाती रहती है , पर अफसरों के कान पर जूँ तक नहीं रेंगती।
52. कच्चा चिट्टा खोलना
( कमियाँ प्रकट करना )
= विपक्ष ने अपनी सारी शक्ति सरकार का कच्चा चिट्ठा खोलने में ही व्यय कर दी।
53. कुएं में भाँग पड़ना
( सबका एकसमान उन्मत्त होना )
= इस घर के सभी सदस्य एक ही तरह के हैं मालूम पड़ता है कि कुएँ में ही भाँग पड़ी हुई है ।
54. कूपमण्डूक होना
( अल्पज्ञ होना )
= तुम्हारा मित्र कूपमण्डूक है । वह अपने घर के अलावा कुछ नहीं जानता ।
55. हाथ - पांव मारना
( अत्यधिक प्रयत्न करना )
= अपनी बेटी को एम ० बी ० बी ० एस ० में अच्छे कॉलेज में प्रवेश दिलाने के लिए उसके पिता आशुतोष ने खूब हाथ - पाँव मारे , लेकिन सफल न हो सके ।
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56. काला अक्षर भैंस बरावर
( बिल्कुल अशिक्षित )
= तुम अंग्रेजी का अखबार लेकर क्या करोगे , तुम्हारे लिए तो अंग्रेजी काला अक्षर भैंस बराबर है।
57. कलेजा ठण्डा होना
( चैन पड़ना )
=भूतपूर्व मन्त्री जी की चुनाव में जमानत जब्त हो जाने पर विपक्षी नेताओं का कलेजा ठण्डा हो गया ।
58. कलेजा मुँह को आना
( अत्यधिक व्याकुल होना )
= पत्नी के असामयिक निधन का समाचार सुनते ही उसका कलेजा मुँह को आ गया ।
59. कलेजे पर सांप लोटना
( ईर्ष्या से जल उठना )
= राघव को नयी कार की सवारी करते देखकर शीतल के कलेजे पर साँप लोटने लगा ।
60. कीचड़ उछालना
( दोष लगाना )
= तुम एक साधु पुरुष पर कीचड़ उछाल रहे हो । तुम्हें शर्म आनी चाहिए ।
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61. खटाई में पड़ना
(झमेले में पड़ना )
= अकाल और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदा के समय देश के विकास कार्य खटाई में पड़ जाते हैं ।
62 . खेत रहना
( युद्ध में मारा जाना )
= ईरान - इराक युद्ध में लाखों जवान खेत रहे
63. खून का प्यासा
( जानी दुश्मन )
= राम और रहीम आजकल एक - दूसरे के खूने के प्यासे बने हुए हैं ।
64. खून सफेद होना
( प्रेम और आत्मीयता की भावना समाप्त होना )
= पिता की मृत्यु के बाद दोनों भाइयों में सम्पत्ति का बँटवारा क्या हुआ , दोनों के तो खून ही सफेद हो गये ।
65. खून सूखना
( भयग्रस्त होना )
= आतंकवादियों की गतिविधियों के कारण सीमा के निकट रहने वालों का खून सूखता रहता है।
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66. गले का हार होना
( बहुत प्रिय होना )
= विमल अपने ननिहाल में आकर अपने नाना के गले का हार बन गया है ।
67. गड़े मुर्दे उखाड़ना
( पुरानी बातों को याद दिलाना )
= स्त्रियाँ छोटे - मोटे लड़ाई - झगड़ों में गड़े मुर्दे उखाड़कर एक - दूसरे को भला - बुरा कहती हैं।
68. गागर में सागर भरना
( संक्षेप में बहुत कुछ कह देना )
= महाकवि बिहारी ने अपनी ' सतसई ' के दोहों में ' गागर में सागर ' भर दिया ।
69. गाल बजाना
( डींग मारना )
= मात्र गाल बजाने से ही तुम किसी काम सफल नहीं हो सकते । सफलता के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है ।
70. घोड़े बेचकर सोना
( निश्चिन्त होना )
= तुम तो अब लड़की की शादी करके आराम से घोड़े बेचकर सो जाओ ।
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71. घाव पर नमक छिड़कना ( दुःखी को और दुःखी करना ) - तुम उस विधवा को ताने देकर उसके घावों पर क्यों नमक छिड़क रहे हो ।
72. घड़ो पानी पड़ना
( लज्जित होना )
= मोहन सिगरेट पी रहा था कि उसके पिताजी आ गये । उस पर घड़ों पानी पड़ गया ।
73.घर फूँक तमाशा देखना ।
( अपनी हानि पर आनन्दित होना )
= युवाओ को आतंकवाद में फँसाकर आतंकवादी संगठन घर फूंक तमाशा देखने की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं ।
74. घी के दीये जलाना
( खुशियाँ मनाना )
= भ्रष्ट अधिकारी का तबादला होने पर सभी कर्मचारियों ने घी के दीये जलाये ।
75. चम्पत होना
( भाग जाना )
= आयकर अधिकारियों के उड़नदस्ते को देखकर बड़े - बड़े व्यापारी शहर से चम्पत हो जाते हैं ।
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76. चार चाँद लगाना
( शोभा बढ़ाना )
= मदर टेरेसा ने कुष्ठ रोगियों के लिए लगे चिकित्सा शिविर में पधारकर आयोजन में चार चाँद लगा दिये ।
77. चाँदी काटना
( अधिक लाभ प्राप्त करना )
= आपात स्थिति से पूर्व काले धन्धे में लगे व्यक्ति कृत्रिम कमी उत्पन्न करके चाँदी काट रहे हैं ।
78. चिकना घड़ा होना
( बेशर्म होना )
= हर आदमी मोहन की बुराई करता है , परन्तु वह ऐसा चिकना घड़ा है कि उस पर कोई प्रभाव नहीं होता ।
79. चींटी के पर निकलना
( अति सामान्य व्यक्ति द्वारा घमण्ड करना ) = आजकल उसका दिमाग सातवें आसमान पर है । रोज धमकियाँ दे रहा है । लगता है कि चींटी के पर निकल आए हैं ।
80. चिराग तले अँधेरा
( सबको सुविधा देने वालों का स्वयं सुविधाओं से वंचित रह जाना )
= हमारे अध्यापक महोदय का लड़का पढ़ाई में बहुत कमजोर है। इसे कहते हैं - चिराग तले अँधेरा ।
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81. छक्के छुड़ाना
( बुरी तरह हराना )
= भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिये ।
82. छाती पर मूँग दलना
( अत्यधिक कष्ट देना )
=तुमको पढ़ा - लिखा दिया , परिश्रम करो और कोई नौकरी - धन्धा देखो । कब तक मेरी छाती पर मूँग दलते रहोगे ।
83. छाती पर साँप लोटना
( ईर्ष्या होना )
मेरे लड़के के सरकारी अफसर बन जाने पर रिश्तेदारों की छाती पर साँप लोटने लगा ।
84. टोपी उछालना
( बेइज्जत करना )
तुम्हारे पास पैसे हैं , इसका अर्थ यह नहीं है कि तुम सबकी टोपी उछालते रहो ।
85 . ठकुरसुहाती करना
(खुशामद या चापलूसी करना )
स्वाभिमानी व्यक्ति भूखा मर जाता है , किन्तु वह किसी की ठकुरसुहाती नहीं करता
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86. ठगा - सा रह जाना
( चकित रह जाना )
= जादूगर के प्रत्यक्ष चमत्कारों को देखकर मैं ठगा - सा रह गया ।
87. तिल का ताड़ बनाना
( छोटी - सी बात को बड़ी बनाना )
= बात तो बहुत छोटी - सी थी , उन्होंने आपस में झगड़ा करके तिल का ताड़ बना दिया ।
88. तीन - तेरह होना / करना
( तितर - बितर करना )
= आयकर का छापा ‘ पड़ने से पूर्व ही सेठ नवीनचन्द ने अपने कागजों को तीन - तेरह कर दिया ।
89. थाली का बैंगन होना
( पक्ष बदलते रहना )
= रंजन की बात पर कोड विश्वास नहीं
करता । वह कभी इस ओर हो जाता है और कभी उस ओर । उसे तो थाली का बैंगन कहना चाहिए ।
90. दूध की नदियाँ बहाना
( धन का वैभव दिखलाना )
आजकल नेतागण अपने पुत्र - पुत्रियों के वैवाहिक समारोहों में जमकर दूध की नदियाँ बहाते हैं।
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91. दांत खट्टे करना
( हराना )
भारतीय सेना ने सन् 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के दाँत खट्टे कर दिये थे ।
92. दाँतों तले अंगुली दबाना
( चकित रह जाना )
= अजन्ता- ऐलोरा की गुफाओं को देखकर दर्शकगण दाँतों तले अंगुली दबा लेते हैं ।
93. दाल में कुछ काला होना
( गड़बड़ होना )
= तुम रात भर सड़कों पर इधर से उधर घूमते रहे हो , जरूर कुछ दाल में काला है ।
94 .दूध का दूध पानी का पानी करना
करना
( ठीक न्याय करना ) का दूध और पानी का पानी कर दिया ।
= न्यायाधीश ने अपने न्याय से दूध का दूध पानी का पानी कर दिया।
95. तोते की तरह रटना
( बिना अर्थ समझे पाठ याद करना )
= परीक्षा के समय विद्यार्थी तोते की तरह सब कुछ रट लेते हैं । उनको यह समझना चाहिए कि विद्या रटने से नहीं मिलती ।
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96. नाक कटना
( इज्जत वाना )
= अजय परीक्षा में नकल करते हुए • पकड़ा गया , उसने तो विद्यालय की नाक ही कटा दी ।
97. नहले पर दहला चलना
( किसी की कही बात को अपनी बात कहकर महत्त्वहीन सिद्ध करना )
= शेखर राजनीतिक दाँव - पेंच पर अपनी शेखी मार रहा था कि चन्द्रन ने अपनी बात कहकर उसकी बात गलत कर दी । सभी ने कहा कि चन्द्रन ने तो नहले पर दहला चला दिया ।
98. नौ दो ग्यारह होना
( भाग जाना )
= चोर पुलिस को देखते ही नौ दो ग्यारह हो जाते हैं ।
99. नाक रगड़ना
( दीनतापूर्वक प्रार्थना करना )
= थोड़ी बहुत सुविधाएँ प्राप्त करने के लिए अधिकारियों के सामने नाक रगड़ना अच्छी बात नहीं है ।
100. नाक बचाना
( इज्जत बचा लेना )
=प्रदीप ने विवाह के समय पर अनिल को धन प्रदान करके उसकी नाक बचा ली ।
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101. नाकों चने चबाना
( अत्यधिक परेशान करना )
= रमेश ने सुरेश से कहा कि तुम मुझे कमजोर समझने की गलती हरगिज मत करना । मैं तुम्हें नाको चने न चबवा दूँ तो मेरा नाम बदल देना ।
102. पानी - पानी होना
( लज्जित होना )
= मेहमान के सम्मुख अपने नौकर के प्रति पुत्र के अशिष्ट व्यवहार को देखकर पिता पानी - पानी हो गया ।
103. पहाड़ टूट पड़ना
( अत्यधिक मुसीबतें आना )
= राम के पिता की मृत्यु से उसके परिवार पर मानो पहाड़ ही टूट पड़ा ।
104. पेट में दाढ़ी होना
( अत्यधिक धूर्त होना )
= श्याम की आयु केवल पन्द्रह साल की है किन्तु वह बहुत अधिक चालाक है । उसकी बातें सुनकर एक व्यक्ति ने कहा कि इस लड़के के पेट में तो दाढ़ी है।
105. पापड़ बेलना
( बड़ी विपत्ति झेलना )
= आजकल के तकनीकी शिक्षा प्राप्त नवयुवकों को भी नौकरी पाने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं ।
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106. पानी उतर जाना
( इज्जत समाप्त हो जाना )
= रमेश की चोरी पकड़े जाने के बाद से पड़ोसियों की निगाह में उसका पानी उतर गया ।
107. प्राण हथेली पर रखना
( मृत्यु के लिए तैयार रहना )
= भारतीय सैनिक सदैव प्राण हथेली पर रखकर अपने शत्रुओं का सामना करते हैं ।
108. बाल - बाँका न होना
( कुछ भी हानि न पहुँचना )
= इस मुकदमे में तुम चाहे जितना ही धन व्यय कर लो , किन्तु उनका बाल - बाँका नहीं हो
109 भण्डाफोड़ करना
( भेद खोलना )
= कल तक तो गोपाल भक्त बना हुआ था और लोगों का धन हरण कर रहा था । मगर आज महेश ने अन्ततः उसका भण्डाफोड़ कर ही दिया ।
110. भोगी बिल्ली बनना
( भय से दबना )
= वह अपने मालिक के सामने भीगी बिल्ली बना रहता है।
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111. मंत्र फूंकना
( अनुचित बातें समझाना )
= दो भाइयों के विवाद में अक्सर पड़ोसी और रिश्तेदार दोनों ही मन्त्र फूंकते रहते हैं ।
112. मुट्ठी गरम करना
( रिश्वत देना )
= आजकल दफ्तरों में क्लकों की मुट्ठी गर्म किये बिना कोई फाइल आगे नहीं सरकती ।
113. रंग में भंग पड़ना
( आनन्द में विघ्न होना )
= सिनेमाहॉल में कुछ लोगो में झगड़ा होने के कारण अधिकांश दर्शकों के रंग में भंग पड़ गया ।
114. लोहे के चने चबाना
( कठोर परिश्रम करना )
= किसी प्रतियोगी परीक्षा में चयन के लिए लोहे के चने चबाने पड़ते हैं ।
115. लाल - पीला होना
( कोधित होना )
= नीरज विकास को देखकर लाल - पीला हो जाता है ।
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116. श्रीगणेश करना
( प्रारम्भ करना )
= आज मैंने पुस्तक लिखने का श्रीगणेश कर दिया ।
117. साँच को आँच नहीं
( सच्चे मनुष्य को भय नहीं होता )
= मैं जानता हूँ कि साँच को आंच नहीं , इसलिए मैं पुलिस से क्यों डरूं , क्योंकि मैंने कोई गलत काम तो किया नहीं ।
118. सिर उठाना
( विरोध में खड़े होना , बगावत करना )
= भगवान् श्रीकृष्ण के सम्मुख केस , जरासन्ध , शिशुपाल जैसे अनेक दुराचारियों ने सिर उठाये , जो उनके द्वारा मार दिये गये ।
119 . सूरज को दीपक दिखाना
( अति गुणवान् या बुद्धिमान को कुछ बताना या लिखना अथवा किसी अति प्रसिद्ध पुरुष का परिचय देना)
= महात्मा गांधी के चरित्र के बारे में कुछ भी कहना सूरज को दीपक दिखाने के समान है।
120. हवाई किले बनाना
( ऊँची कल्पनाएँ करना )
= अभी तो तुम्हारा परीक्षाफल भी नहीं आया ,अभी से हवाई किले बनाने लगे हो ।
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121. हवा हो जाना
( गायब हो जाना )
= दानवीर कर्ण युद्ध क्षेत्र में न जाने कहाँ हवा हो गया ।
122. हथियार डाल देना
( हार मान लेना )
= कारगिल के युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने भारत की सेना के आगे हथियार डाल दिये ।
123. हाथ पर हाथ धरकर बैठना
( निकम्मा होना )
= परिश्रमशील व्यक्ति कभी हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठते । वे सदैव कुछ - न - कुछ करते रहते हैं ।
124. हाथ के तोते उड़ जाना
( चकित रह जाना )
= रमेश के बैग में बीस हजार रुपये थे । एक लुटेरा दिन में ही चालू सड़क पर चाकू दिखाकर बैग छीन ले गया । ऐसा लगा रमेश के तो हाथ के तोते ही उड़ गये क्योंकि दिन में तो वह ऐसा सोच ही नहीं सकता था ।
125. हाथ - पाँव फूलना
( व्यग्र होना , घबड़ा जाना )
= राकेश रात्रि में रेलवे स्टेशन से वापस आ रहा था । रास्ते में एक खूँखार से लगने वाले व्यक्ति को देखकर उसके हाथ -पाँव फूल गये
126. हाथ - पाँव मारना
( अत्यधिक प्रयत्न कैरना )
= अपने पुत्र रंजन को एम.बी. बी.एस. में अच्छे कॉलेज में प्रवेश दिलाने के लिए उसके पिता अमरीश ने बहुत हाथ - पाँव मारे , परन्तु वे सफल न हो सके ।
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