Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

अभी अभी

latest

हिन्दी-मुहावरे / अर्थ एवं उदाहरण सहित/ 125+.../ HINDI MUHAVRE/ARTH EVAM UDAHARAN SAHIT/125+...

हिन्दी-मुहावरे / अर्थ एवं उदाहरण सहित/ 125+.../ HINDI-MUHAVRE/ARTH EVAM UDAHARAN SAHIT/125+... 1.अंधे की लाठी  (एक मात्रा सहारा)  = कमल अपने...


हिन्दी-मुहावरे / अर्थ एवं उदाहरण सहित/ 125+.../

HINDI-MUHAVRE/ARTH EVAM UDAHARAN SAHIT/125+...

1.अंधे की लाठी 
(एक मात्रा सहारा) 
= कमल अपने माता -पिता के लिए अंधे की लकडी था।

2.अन्त बिगाड़ना
(अंतिम दिनों में बुरा करना)
= पंकज का रिटायर्मेंट नजदीक था। रूपयों की हेरा-फेरी करके उसने अपना अंत बिगाड लिया।

3. अक्ल के पीछे लट्ठ लिये फिरना (मूर्खतापूर्ण कार्य करना) 
=तुम तो अक्ल के पीछे लट्ठ लिये फिरते हो, जो दूसरों के झगडे में सिर फोड़ आए।

4. अक्ल पर पत्थर पड़ना 
( बुद्धि नष्ट होना ) 
=मेरी ही अक्ल पर पत्थर पड़ गये थे , जो बैंक की नौकरी छोड़ बैठा । 

5. अक्ल चरने जाना 
( बुद्धि से काम न लेना )  
=बड़े भाई पर हाथ उठाते समय मेरी अक्ल चरने चली गयी थी । 
*****************************
6. अगर - मगर करना 
( हुज्जत या तर्क करना , टाल - मटोल करना ) 
=सुनीता किसी के द्वारा कही गयी बात को बिना अगर - मगर किये स्वीकार ही नहीं करती । 

7. अपना उल्लू सीधा करना 
( स्वार्थ सिद्ध करना) 
=आजकल नेता लोग वोट के लिए खुशामद करके अपना उल्लू सीधा करते हैं । 

8. अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना 
( अपनी हानि स्वयं करना ) 
=पढ़ाई का समय व्यर्थ में गँवाकर तुमने अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारी है । 

9. अपना - सा मुँह लेकर रह जाना 
( लज्जित होना ) 
=राकेश की झूठी बात की वास्तविकता का जब सभी सहकर्मियों को पता चल गया तो राकेश अपना - सा मुँह लेकर रह गया । 

10. अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना 
( अपनी प्रशंसा स्वयं करना )
=आजकल के नेता अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने में गर्व का अनुभव करते हैं ।
*******************************
11. अपने पैरों पर खड़ा होना
(स्वावलम्बी होना ) 
=विकास के माता - पिता उसकी शादी करना चाहते थे , लेकिन उसने कहा कि जब तक वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं होगा , तब तक शादी नहीं करेगा । 

12. अंक लगाना 
( स्नेह से लिपटा लेना ) 
= जब रवि एक माह बाद राष्ट्रीय खेलों में पुरस्कार लेकर वापिस लौटा तो उसकी दादी ने उसे अपने अंक लगा लिया । 

13.अंगारे सिर पर रखना 
( विपत्ति मोल लेना ) 
= सभी कार्य सोच - समझकर करने चाहिए । सीता का हरण कर रावण ने बेवजह अंगारे सिर पर रख लिए । 

14.अंगार उगलना 
( कठोर बात कहना )  
= वह बातें क्या कर रहा था , मानो अंगारे उगल रहा था । 

15.अंगूठा दिखाना 
( स्पष्ट मना कर देना ) 
= जब तक लिपिक ने उसका कार्य नहीं कर दिया था , तब तक वह उसे कुछ राशि देने का वायदा करता रहा । काम होते ही उसने लिपिक को अँगूठा दिखा दिया । 
*****************************
16.अंगूठी का नगीना 
(सर्वोपयुक्त जोड़ा मिलना)  
= राम के लिए सीता और शिव के लिए पार्वती अँगूठी के नगीने के समान ही थीं ।  

17. अण्डे सेना 
( घर पर बैठे रहना )
= आपको हड़ताल छोड़ अपने काम पर लौट जाना चाहिए । यहाँ पर अण्डे सेने से लाभ नहीं होगा । 

18.आँख दिखाना 
( धमकाना ) 
= वह मुझसे ₹ 500 उधार तो बड़ी नम्रता से माँगकर ले गया , अब मैं माँगता हूँ तो मुझे आँखें दिखाता है ।  

19.आँखों पर परदा पड़ना 
( वास्तविक न दिखाई देना ) 
= भारत की आँखों पर तो ऐसा परदा पड़ गया है कि विश्वसघाती चीन को भी वह अपना मित्र समझ बैठा है । 

20. अंगारे बरसना 
( अत्यधिक गर्मी पड़ना ) 
= इस वर्ष तो अप्रैल माह में ही अंगारे बरसने लगे । बाद के महीनों में न जाने क्या होगा ।
******************************
  
21. आँखें फेरना 
( मुँह मोड़ना ) 
= नीरज ने अपने मित्र को मुसीबत में देखकर आँखें फेर लीं । 

22.आँखों में धूल झोंकना 
( धोखा देना ) 
अनेक व्यापारी मिलावट करके ग्राहकों की आँखों में धूल झोंक रहे हैं । 

23. आंखों का तारा होना 
( अत्यन्त प्रिय होना ) 
= राम कौशल्या की आँखों के तारे थे । 

24. आँखें नीची होना 
( शर्मिन्दा होना ) 
= घोटाले में पकड़े गये मन्त्रियों की आँखें उसी समय नीची होती हैं , जब पत्रकारों द्वारा उनकी तस्वीरे उतारी जाती हैं । 

25.आग में घी डालना 
( क्रोध को और बढ़ाना ) 
= किसी भी वाद - विवाद के समय बीती बातों का जिक्र आग में घी डालने का काम करता है । 
******************************

26. आ बैल मुझे मार 
( मुसीबत मोल लेना ) 
= रमेश ने अपने अधिकारी की बात न मानकर मुसीबत मोल ले ली इसे कहते हैं आ बैल मुझे मार । 

27. आग बबूला होना 
(अत्यधिक क्रोधित होना)  
= कार्य में लापरवाही बरतने का मिथ्या दोषारोपण किये जाने के कारण विकास अपने अधिकारी पर आग बबूला हो उठा ।  

28. आस्तीन का साँप 
( विश्वासघाती मित्र ) 
= भारत चीन को मित्र समझता था । भारत पर आक्रमण करके उसने स्वयं को आस्तीन का साँप सिद्ध कर दिया । 

29. आसमान पर थूकना 
( महान् व्यक्ति पर दोषारोपण करना ) 
= देश के राष्ट्रपति के ऊपर कदाचार का आरोपण आसमान पर थूकने जैसा है । 

30.आसमान के तारे तोड़ना
(असम्भव काम) 
= तुम प्रधानमन्त्री बनने के स्वप्न देख रहे हो ।
तुम्हारे जैसे गँवार के लिए तो विधायक बनना भी आसमान के तारे तोड़ने से कम नहीं है । 
******************************

31. आठ - आठ आँसू रोना 
( अत्यधिक आँसू बहाना ) 
=अपने पिता के स्वर्गवास पर आलोक के साथ परिवार के सभी सदस्य आठ - आठ आँसू रोये । 

32. आधा तीतर आधा बटेर 
( न इधर का न उधर का ) 
=अध्यापक ने छात्रों को समझाया कि या तो अंग्रेजी में बात किया करें या हिन्दी में । बातचीत के दौरान आधा तीतर आधा बटेर उचित नहीं ।  

33. आसमान टूट पड़ना 
( असम्भव घटित होना ) 
=यदि सरकारी गोदामों में रखा गया अतिरिक्त अनाज गरीबों को मुफ्त दे दिया जाएगा , तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा । 

34. आप काज महाकाज 
( अपना कार्य सबसे महत्त्वपूर्ण ) 
=अनिमेश के लिए दूसरे बहुत महत्त्वपूर्ण कार्य का भी कोई महत्त्व नहीं होता । उसका तो यही मानना है कि आप काज महाकाज ।
 
35. आकाश - पाताल एक कर देना  (असीमित प्रयत्न करना ) 
=इस वर्ष आई ० ए ० एस ० परीक्षा की तैयारी के लिए सुरेश ने आकाश पाताल एक कर दिया । 
******************************

36. इज्जत मिट्टी में मिलना 
( सम्मान नष्ट होना )  
=बेटा , तुमने तो चोरी करके मेरी इज्जत मिट्टी में मिला दी । 

37. इधर की उधर लगाना 
( चुगली करना ) 
= इधर की उधर लगाते - लगाते ही अनिल ने दो लोगों के घनिष्ठ सम्बन्ध में दरार पैदा कर दी । 

38. ईंट से ईंट बजाना 
(समूल विनाश करना) 
= यदि कोई शत्रु देश भारत पर आक्रमण करने का दुःसाहस करेगा तो भारतीय सैनिक उसकी ईंट से ईंट बजा देंगे । 

39. ईद का चाँद होना 
( अधिक दिनों में दिखायी देना ) 
= भाई विपिन , जब से तुम इंजीनियर बने हो , ईद का चाँद हो गये हो ।

40. ईंट का जवाब पत्थर से देना 
( दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना )
 = भारत शान्तिप्रिय देश है , परन्तु पाकिस्तान ने यदि उसके साथ कोई अनुचित कार्य किया , तो ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा ।
****************************** 

41. उड़ती चिड़िया पहचानना अथवा
/उडती चिड़िया के पंख गिन्ना 
( दूर से हो वास्तविकता को समझ जाना ) 
= चोर दारोगा को अपने चोर न होने की दुहाई दे रहा था । दारोगा ने उससे कहा कि मैं अनाड़ी नहीं हूँ , मैं उड़ती चिड़िया पहचानता हूँ । 

42. उल्टी गंगा बहाना 
( नियम विरुद्ध कार्य करना ) 
= मोहन का मित्र सदैव उसके हित की बात करता है , परन्तु वह उसे अपना विरोधी बताकर हमेशा उल्टी गंगा बहाता है ।  

43. उल्लू करना 
( स्वार्थ सिद्ध करना ) 
= राम ने श्याम से ही अपने सारे कठिन कार्य करवा कर अपना उल्लू सीधा कर लिया ।

44. उँगलियों पर नचाना 
( मनमानी करना ) 
= स्त्रैण पुरुषों को उनकी स्त्रियाँ हमेशा अपनी उँगलियों पर नचाया करती हैं । 

45. ऊँट के मुँह में जीरा
(अति अल्प साधन ) = गुजरात की प्राकृतिक आपदा से पीड़ित जनता के लिए दो - चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता तो ऊँट के मुँह में जीरे के समान है ।  
*****************************

46. एक अनार सौ बीमार 
( एक वस्तु को प्राप्त करने के लिए बहुत लोगों का प्रयास करना ) 
= आजकल एक छोटी - सी नौकरी के लिए सैकड़ों सिफारिशें आती हैं । इसी को कहते हैं- एक अनार सौ बीमार 

47. एक आँख से देखना 
( समान भाव रखना )  
= राज्यवर्धन एक दयालु एवं प्रजापालक राजा थे । वे सभी को एक आँख से देखते थे 

48. एक ही लकड़ी से हाँकना 
( अच्छे - बुरे की पहचान न होना ) 
= पराधीनता के दिनों में अंग्रेजों ने उचित - अनुचित का विवेक न करते हुए सभी भारतवासियों को एक ही लकड़ी से हाँक दिया । 
49. एक और एक ग्यारह होना 
( संगठित होना ) 
= पाकिस्तानियों के षड्यन्त्रों को विफल करने के लिए भारतीयों को एक और एक ग्यारह होना पड़ेगा ।  

50. ओखली में सिर देना 
( जान - बूझकर मुसीबत मोल लेना ) 
=जब ओखली में सिर दे ही दिया है , तब डरना व्यर्थ है । 
*****************************

51. कान पर जूं न रेंगना 
( अनसुनी करना ) 
= जनता अपनी समस्याओं के समाधान के लिए गुहार लगाती रहती है , पर अफसरों के कान पर जूँ तक नहीं रेंगती।

52. कच्चा चिट्टा खोलना 
( कमियाँ प्रकट करना ) 
= विपक्ष ने अपनी सारी शक्ति सरकार का कच्चा चिट्ठा खोलने में ही व्यय कर दी।

53. कुएं में भाँग पड़ना 
( सबका एकसमान उन्मत्त होना ) 
= इस घर के सभी सदस्य एक ही तरह के हैं मालूम पड़ता है कि कुएँ में ही भाँग पड़ी हुई है । 
54. कूपमण्डूक होना 
( अल्पज्ञ होना )  
= तुम्हारा मित्र कूपमण्डूक है । वह अपने घर के अलावा कुछ नहीं जानता । 
 
55. हाथ - पांव मारना 
( अत्यधिक प्रयत्न करना ) 
 = अपनी बेटी को एम ० बी ० बी ० एस ० में अच्छे कॉलेज में प्रवेश दिलाने के लिए उसके पिता आशुतोष ने खूब हाथ - पाँव मारे , लेकिन सफल न हो सके । 
*******************************

56. काला अक्षर भैंस बरावर 
( बिल्कुल अशिक्षित ) 
= तुम अंग्रेजी का अखबार लेकर क्या करोगे , तुम्हारे लिए तो अंग्रेजी काला अक्षर भैंस बराबर है। 

57. कलेजा ठण्डा होना 
( चैन पड़ना ) 
=भूतपूर्व मन्त्री जी की चुनाव में जमानत जब्त हो जाने पर विपक्षी नेताओं का कलेजा ठण्डा हो गया । 

58. कलेजा मुँह को आना 
( अत्यधिक व्याकुल होना ) 
= पत्नी के असामयिक निधन का समाचार सुनते ही उसका कलेजा मुँह को आ गया ।

59. कलेजे पर सांप लोटना 
( ईर्ष्या से जल उठना ) 
= राघव को नयी कार की सवारी करते देखकर शीतल के कलेजे पर साँप लोटने लगा । 

60. कीचड़ उछालना 
( दोष लगाना ) 
= तुम एक साधु पुरुष पर कीचड़ उछाल रहे हो । तुम्हें शर्म आनी चाहिए । 
******************************

61. खटाई में पड़ना 
(झमेले में पड़ना ) 
= अकाल और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदा के समय देश के विकास कार्य खटाई में पड़ जाते हैं । 
 
62 . खेत रहना 
( युद्ध में मारा जाना ) 
= ईरान - इराक युद्ध में लाखों जवान खेत रहे

63. खून का प्यासा 
( जानी दुश्मन ) 
= राम और रहीम आजकल एक - दूसरे के खूने के प्यासे बने हुए हैं । 

64. खून सफेद होना 
( प्रेम और आत्मीयता की भावना समाप्त होना ) 
= पिता की मृत्यु के बाद दोनों भाइयों में सम्पत्ति का बँटवारा क्या हुआ , दोनों के तो खून ही सफेद हो गये । 

65. खून सूखना 
( भयग्रस्त होना ) 
= आतंकवादियों की गतिविधियों के कारण सीमा के निकट रहने वालों का खून सूखता रहता है।
*****************************

66. गले का हार होना 
( बहुत प्रिय होना ) 
= विमल अपने ननिहाल में आकर अपने नाना के गले का हार बन गया है ।  

67. गड़े मुर्दे उखाड़ना 
( पुरानी बातों को याद दिलाना ) 
= स्त्रियाँ छोटे - मोटे लड़ाई - झगड़ों में गड़े मुर्दे उखाड़कर एक - दूसरे को भला - बुरा कहती हैं। 

68. गागर में सागर भरना 
( संक्षेप में बहुत कुछ कह देना ) 
= महाकवि बिहारी ने अपनी ' सतसई ' के दोहों में ' गागर में सागर ' भर दिया । 

69. गाल बजाना 
( डींग मारना ) 
= मात्र गाल बजाने से ही तुम किसी काम सफल नहीं हो सकते । सफलता के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है । 

70. घोड़े बेचकर सोना 
( निश्चिन्त होना ) 
= तुम तो अब लड़की की शादी करके आराम से घोड़े बेचकर सो जाओ । 
*****************************

71. घाव पर नमक छिड़कना ( दुःखी को और दुःखी करना ) - तुम उस विधवा को ताने देकर उसके घावों पर क्यों नमक छिड़क रहे हो ।

72. घड़ो पानी पड़ना 
( लज्जित होना ) 
= मोहन सिगरेट पी रहा था कि उसके पिताजी आ गये । उस पर घड़ों पानी पड़ गया । 

73.घर फूँक तमाशा देखना ।
( अपनी हानि पर आनन्दित होना ) 
= युवाओ को आतंकवाद में फँसाकर आतंकवादी संगठन घर फूंक तमाशा देखने की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं । 

74. घी के दीये जलाना
( खुशियाँ मनाना )  
= भ्रष्ट अधिकारी का तबादला होने पर सभी कर्मचारियों ने घी के दीये जलाये । 

75. चम्पत होना 
( भाग जाना ) 
= आयकर अधिकारियों के उड़नदस्ते को देखकर बड़े - बड़े व्यापारी शहर से चम्पत हो जाते हैं ।
 ***************************

76. चार चाँद लगाना 
( शोभा बढ़ाना ) 
= मदर टेरेसा ने कुष्ठ रोगियों के लिए लगे चिकित्सा शिविर में पधारकर आयोजन में चार चाँद लगा दिये ।  

77. चाँदी काटना 
( अधिक लाभ प्राप्त करना )
= आपात स्थिति से पूर्व काले धन्धे में लगे व्यक्ति कृत्रिम कमी उत्पन्न करके चाँदी काट रहे हैं ।  

78. चिकना घड़ा होना 
( बेशर्म होना ) 
= हर आदमी मोहन की बुराई करता है , परन्तु वह ऐसा चिकना घड़ा है कि उस पर कोई प्रभाव नहीं होता ।

79. चींटी के पर निकलना 
( अति सामान्य व्यक्ति द्वारा घमण्ड करना )  = आजकल उसका दिमाग सातवें आसमान पर है । रोज धमकियाँ दे रहा है । लगता है कि चींटी के पर निकल आए हैं ।  

80. चिराग तले अँधेरा 
( सबको सुविधा देने वालों का स्वयं सुविधाओं से वंचित रह जाना )
= हमारे अध्यापक महोदय का लड़का पढ़ाई में बहुत कमजोर है। इसे कहते हैं - चिराग तले अँधेरा । 
*****************************

81. छक्के छुड़ाना 
( बुरी तरह हराना ) 
= भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिये । 

82. छाती पर मूँग दलना 
( अत्यधिक कष्ट देना ) 
=तुमको पढ़ा - लिखा दिया , परिश्रम करो और कोई नौकरी - धन्धा देखो । कब तक मेरी छाती पर मूँग दलते रहोगे ।

83. छाती पर साँप लोटना 
( ईर्ष्या होना ) 
मेरे लड़के के सरकारी अफसर बन जाने पर रिश्तेदारों की छाती पर साँप लोटने लगा ।  

84. टोपी उछालना 
( बेइज्जत करना ) 
तुम्हारे पास पैसे हैं , इसका अर्थ यह नहीं है कि तुम सबकी टोपी उछालते रहो । 

85 . ठकुरसुहाती करना 
(खुशामद या चापलूसी करना ) 
 स्वाभिमानी व्यक्ति भूखा मर जाता है , किन्तु वह किसी की ठकुरसुहाती नहीं करता
 ****************************

86. ठगा - सा रह जाना 
( चकित रह जाना ) 
= जादूगर के प्रत्यक्ष चमत्कारों को देखकर मैं ठगा - सा रह गया । 

87. तिल का ताड़ बनाना 
( छोटी - सी बात को बड़ी बनाना )  
= बात तो बहुत छोटी - सी थी , उन्होंने आपस में झगड़ा करके तिल का ताड़ बना दिया ।
  
88. तीन - तेरह होना / करना 
( तितर - बितर करना ) 
= आयकर का छापा ‘ पड़ने से पूर्व ही सेठ नवीनचन्द ने अपने कागजों को तीन - तेरह कर दिया ।  

89. थाली का बैंगन होना 
( पक्ष बदलते रहना ) 
= रंजन की बात पर कोड विश्वास नहीं 
करता । वह कभी इस ओर हो जाता है और कभी उस ओर । उसे तो थाली का बैंगन कहना चाहिए ।
  
90. दूध की नदियाँ बहाना 
( धन का वैभव दिखलाना ) 
आजकल नेतागण अपने पुत्र - पुत्रियों के वैवाहिक समारोहों में जमकर दूध की नदियाँ बहाते हैं।
****************************
91. दांत खट्टे करना 
( हराना ) 
भारतीय सेना ने सन् 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के दाँत खट्टे कर दिये थे ।   

92. दाँतों तले अंगुली दबाना 
( चकित रह जाना )  
= अजन्ता- ऐलोरा की गुफाओं को देखकर दर्शकगण दाँतों तले अंगुली दबा लेते हैं ।   

93. दाल में कुछ काला होना 
( गड़बड़ होना ) 
= तुम रात भर सड़कों पर इधर से उधर घूमते रहे हो , जरूर कुछ दाल में काला है । 

94 .दूध का दूध पानी का पानी करना
 करना 
( ठीक न्याय करना ) का दूध और पानी का पानी कर दिया । 
= न्यायाधीश ने अपने न्याय  से दूध का दूध पानी का पानी कर दिया।
 
95. तोते की तरह रटना 
( बिना अर्थ समझे पाठ याद करना ) 
= परीक्षा के समय विद्यार्थी तोते की तरह सब कुछ रट लेते हैं । उनको यह समझना चाहिए कि विद्या रटने से नहीं मिलती । 
**************************
96. नाक कटना 
( इज्जत वाना ) 
= अजय परीक्षा में नकल करते हुए • पकड़ा गया , उसने तो विद्यालय की नाक ही कटा दी । 

97. नहले पर दहला चलना 
( किसी की कही बात को अपनी बात कहकर महत्त्वहीन सिद्ध करना )  
= शेखर राजनीतिक दाँव - पेंच पर अपनी शेखी मार रहा था कि चन्द्रन ने अपनी बात कहकर उसकी बात गलत कर दी । सभी ने कहा कि चन्द्रन ने तो नहले पर दहला चला दिया । 

98. नौ दो ग्यारह होना 
( भाग जाना ) 
= चोर पुलिस को देखते ही नौ दो ग्यारह हो जाते हैं । 

99. नाक रगड़ना 
( दीनतापूर्वक प्रार्थना करना ) 
= थोड़ी बहुत सुविधाएँ प्राप्त करने के लिए अधिकारियों के सामने नाक रगड़ना अच्छी बात नहीं है ।  

100. नाक बचाना 
( इज्जत बचा लेना ) 
=प्रदीप ने विवाह के समय पर अनिल को धन प्रदान करके उसकी नाक बचा ली । 
***************************

101. नाकों चने चबाना 
( अत्यधिक परेशान करना )  
= रमेश ने सुरेश से कहा कि तुम मुझे कमजोर समझने की गलती हरगिज मत करना । मैं तुम्हें नाको चने न चबवा दूँ तो मेरा नाम बदल देना । 

102. पानी - पानी होना 
( लज्जित होना ) 
= मेहमान के सम्मुख अपने नौकर के प्रति पुत्र के अशिष्ट व्यवहार को देखकर पिता पानी - पानी हो गया । 

103. पहाड़ टूट पड़ना 
( अत्यधिक मुसीबतें आना ) 
= राम के पिता की मृत्यु से उसके परिवार पर मानो पहाड़ ही टूट पड़ा । 

104. पेट में दाढ़ी होना 
( अत्यधिक धूर्त होना )
= श्याम की आयु केवल पन्द्रह साल की है किन्तु वह बहुत अधिक चालाक है । उसकी बातें सुनकर एक व्यक्ति ने कहा कि इस लड़के के पेट में तो दाढ़ी है।

105. पापड़ बेलना 
( बड़ी विपत्ति झेलना ) 
= आजकल के तकनीकी शिक्षा प्राप्त नवयुवकों को भी नौकरी पाने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं । 
*************************

106. पानी उतर जाना 
( इज्जत समाप्त हो जाना )
= रमेश की चोरी पकड़े जाने के बाद से पड़ोसियों की निगाह में उसका पानी उतर गया ।

107. प्राण हथेली पर रखना 
( मृत्यु के लिए तैयार रहना ) 
= भारतीय सैनिक सदैव प्राण हथेली पर रखकर अपने शत्रुओं का सामना करते हैं । 

108. बाल - बाँका न होना 
( कुछ भी हानि न पहुँचना ) 
= इस मुकदमे में तुम चाहे जितना ही धन व्यय कर लो , किन्तु उनका बाल - बाँका नहीं हो

109 भण्डाफोड़ करना 
( भेद खोलना ) 
= कल तक तो गोपाल भक्त बना हुआ था और लोगों का धन हरण कर रहा था । मगर आज महेश ने अन्ततः उसका भण्डाफोड़ कर ही दिया । 

110. भोगी बिल्ली बनना 
( भय से दबना ) 
= वह अपने मालिक के सामने भीगी बिल्ली बना रहता है।
****************************

111. मंत्र फूंकना 
( अनुचित बातें समझाना ) 
= दो भाइयों के विवाद में अक्सर पड़ोसी और रिश्तेदार दोनों ही मन्त्र फूंकते रहते हैं । 

112. मुट्ठी गरम करना 
( रिश्वत देना )  
= आजकल दफ्तरों में क्लकों की मुट्ठी गर्म किये बिना कोई फाइल आगे नहीं सरकती । 

113. रंग में भंग पड़ना 
( आनन्द में विघ्न होना ) 
= सिनेमाहॉल में कुछ लोगो में झगड़ा होने के कारण अधिकांश दर्शकों के रंग में भंग पड़ गया । 

114. लोहे के चने चबाना 
( कठोर परिश्रम करना ) 
= किसी प्रतियोगी परीक्षा में चयन के लिए लोहे के चने चबाने पड़ते हैं ।  

115. लाल - पीला होना 
( कोधित होना ) 
= नीरज विकास को देखकर लाल - पीला हो जाता है । 
******************************

116. श्रीगणेश करना 
( प्रारम्भ करना ) 
= आज मैंने पुस्तक लिखने का श्रीगणेश कर दिया ।

117. साँच को आँच नहीं 
( सच्चे मनुष्य को भय नहीं होता ) 
= मैं जानता हूँ कि साँच को आंच नहीं , इसलिए मैं पुलिस से क्यों डरूं , क्योंकि मैंने कोई गलत काम तो किया नहीं । 

118. सिर उठाना 
( विरोध में खड़े होना , बगावत करना ) 
= भगवान् श्रीकृष्ण के सम्मुख केस , जरासन्ध , शिशुपाल जैसे अनेक दुराचारियों ने सिर उठाये , जो उनके द्वारा मार दिये गये । 
119 . सूरज को दीपक दिखाना 
( अति गुणवान् या बुद्धिमान को कुछ बताना या लिखना अथवा किसी अति प्रसिद्ध पुरुष का परिचय देना)  
= महात्मा गांधी के चरित्र के बारे में कुछ भी कहना सूरज को दीपक दिखाने के समान है। 
120. हवाई किले बनाना 
( ऊँची कल्पनाएँ करना ) 
= अभी तो तुम्हारा परीक्षाफल भी नहीं आया ,अभी से हवाई किले बनाने लगे हो । 
****************************

121. हवा हो जाना 
( गायब हो जाना ) 
= दानवीर कर्ण युद्ध क्षेत्र में न जाने कहाँ हवा हो गया । 

122. हथियार डाल देना 
( हार मान लेना ) 
= कारगिल के युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने भारत की सेना के आगे हथियार डाल दिये । 

123. हाथ पर हाथ धरकर बैठना 
( निकम्मा होना )  
= परिश्रमशील व्यक्ति कभी हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठते । वे सदैव कुछ - न - कुछ करते रहते हैं । 

124. हाथ के तोते उड़ जाना 
( चकित रह जाना ) 
= रमेश के बैग में बीस हजार रुपये थे । एक लुटेरा दिन में ही चालू सड़क पर चाकू दिखाकर बैग छीन ले गया । ऐसा लगा रमेश के तो हाथ के तोते ही उड़ गये क्योंकि दिन में तो वह ऐसा सोच ही नहीं सकता था । 

125. हाथ - पाँव फूलना 
( व्यग्र होना , घबड़ा जाना ) 
= राकेश रात्रि में रेलवे स्टेशन से वापस आ रहा था । रास्ते में एक खूँखार से लगने वाले व्यक्ति को देखकर उसके हाथ -पाँव फूल गये 

126. हाथ - पाँव मारना 
( अत्यधिक प्रयत्न कैरना ) 
= अपने पुत्र रंजन को एम.बी. बी.एस. में अच्छे कॉलेज में प्रवेश दिलाने के लिए उसके पिता अमरीश ने बहुत हाथ - पाँव मारे , परन्तु वे सफल न हो सके ।
****************************
****************************



No comments