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भारतवंशी ब्रिटेन प्रधानमंत्री श्री ऋषि सुनक पहले हिन्दू प्रधानमंत्री हैं।The British Prime Minister of India, Shri Rishi Sunak is the first Hindu Prime Minister.

भारतवंशी ब्रिटेन प्रधानमंत्री श्री ऋषि सुनक पहले हिन्दू प्रधानमंत्री हैं। The British Prime Minister of India, Shri Rishi Sunak is the first...

भारतवंशी ब्रिटेन प्रधानमंत्री श्री ऋषि सुनक पहले हिन्दू प्रधानमंत्री हैं।

The British Prime Minister of India, Shri Rishi Sunak is the first Hindu Prime Minister.



भारतवंशी ऋषि सुनक 28 अक्टूबर को शपथ लेंगे ,

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की शपथ ।

ऐतिहासिक क्षण:--

राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहे ब्रिटेन में भारतवंशी ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री बनना सचमुच एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि वह उस देश के सर्वोच्च निर्वाचित पद के लिए चुने गए हैं, जिसने करीब दो सौ वर्षों तक भारत (अविभाजित) को अपना उपनिवेश बना रखा था। बेशक सुनक के पूर्वज वर्षों  पहले अफ्रीका चले गए थे और उनका खुद का जन्म 1980 में ब्रिटेन में हुआ था, लेकिन उन्होंने स्वयं को आस्थावान हिंदू बताने से कभी गुरेज नहीं किया। यह संयोग ही है कि निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद कंजरवेटिव पार्टी ने सुनक को 24 अक्तूबर को ऐसे समय अपना नया नेता चुना, जब भारत में दीपावली का पर्व मनाया जा रहा था, जिससे भारत में स्वाभाविक ही इसकी सकारात्मक प्रतिक्रिया हुई है। वास्तव में 42 वर्षीय ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनना ब्रिटिश लोकतंत्र की परिपक्वता और उदारता को ही दर्शाता है।

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ऋषि सुनक ने लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद फिर से ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी थी।

वे सितंबर में हुए चुनावों के दौरान वे ट्रस से करीब 14 फीसदी मतों के अंतर से हार गए थे। ट्रस ब्रिटेन कीग तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी थीं, लेकिन खराब आर्थिक नीतियों की वजह से 45 दिन में इस्तीफा देना पड़ा। 

ट्र्स से पहले बोरिस जॉनसन को कोविड के दौरान लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन कर पीएम ऑफिस में पार्टी करने की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था। जॉनसन के मंत्रिमंडल में सुनक वित्त मंत्री थे।




ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री  पद के लिए सुनक पहली पसंद होने के चार प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं।

1. कोरोना काल के दौरान देश को आर्थिक मंदी से सफलतापूर्वक उबारा। सभी वर्गों को खुश किया।

2. 2020 में होटल इंडस्ट्री को ईट आउट टु हेल्प आउट स्कीम से सवा 15 हजार करोड़ की मदद दी।

3. कर्मचारियों और स्वरोजगार वाले लोगों को अगस्त, 2021 में दो लाख रुपए की सहायता राशि दी।

4. ब्रिटेन में कोरोना की वर्तमान लहर के दौरान समूची टूरिज्म इंडस्ट्री को 10 हजार करोड़ का पैकेज ।

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Following are the four main reasons why  Rishi Sunak was Sunak's first choice for the post of Prime Minister of Britain.

1. Successfully brought the country out of the economic slowdown during the Corona period.  Pleased all classes.

2. In 2020, 15 thousand crore rupees were given to the hotel industry through the Eat Out to Help Out scheme.

3. In August, 2021, an assistance amount of two lakh rupees was given to the employees and self-employed people.

4. During the current wave of Corona in Britain, a package of 10 thousand crores to the entire tourism industry.



ऋषि सुनक का जमशेदपुर कनेक्शनः--

चौंकिए मत, ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का भी जमशेदपुर से कनेक्शन है। यह तो आप जानते ही हैं कि ऋषि सुनक भारतीय मूल के हैं। यह भी जानते हों कि वे पंजाबी ब्राह्मण माता-पिता ऊषा व यशवीर सुनक की संतान हैं। 



आइए, अब हम आपको बताते हैं कि ऋषि सुनक का जमशेदपुर से कैसा जुड़ाव है।

ऋषि भले ही कभी जमशेदपुर नहीं आए हों, लेकिन उनकी सास व इंफोसिस की वाइस चेयरमैन सुधा मूर्ति का जमशेदपुर कनेक्शन रहा है। वह 1974 में टाटा मोटर्स की पहली महिला इंजीनियर थीं। उन्होंने जमशेदपुर स्थित टाटा मोटर्स के प्लांट में डेवलपमेंट इंजीनियर के पद पर काम किया। हालांकि सुधा मूर्ति यहां ज्यादा दिनों तक नहीं रहीं, लेकिन उन्होंने टाटा मोटर्स सहित पूरे टाटा समूह के लिए मिसाल तो बना ही दिया।

जेआरडी टाटा को लिखा था पत्र:--

सुधा मूर्ति के पहले टाटा मोटर्स में महिला इंजीनियर की नियुक्ति नहीं होती थी। ऐसे में जब टाटा मोटर्स में इंजीनियरों के लिए रिक्ति निकली, तो वह यह देखकर हैरान रह गई कि उसमें सिर्फ पुरुष अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। इस पर सुधा ने गुस्से में आकर सीधे जेआरडी टाटा को पत्र लिख दिया। पत्र में लिखा कि जब आप महिलाओं को मौका ही नहीं देंगे, तो वह अपनी क्षमता कैसे साबित करेंगी। उन्हें इस बात का भी दुख हुआ कि टाटा समूह में भी लैंगिक भेदभाव होता है। यह पत्र मिलते ही जेआरडी के निर्देश पर सुधा मूर्ति का विशेष साक्षात्कार लिया गया और उन्हें नौकरी पर रख लिया गया।

अपने दामाद की इस सफलता से इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। 

ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए ऋषि सुनक तैयार हैं। अपने दामाद की इस सफलता से इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमें उन पर गर्व है और हम उनकी सफलता की कामना करते हैं।" आपको बता दें कि ऋषि सुनक अक्सर अपने ससुराल वालों से मिलने के लिए बेंगलुरु आते रहते हैं।

नारायण मूर्ति ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को ई-मेल के माध्यम से दी गई अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ऋषि को बधाई। हमें उन पर गर्व है और हम उनकी सफलता की कामना करते हैं। हमें विश्वास है कि वह ब्रिटेन के लोगों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।"

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"मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं एक हिंदू हूँ और हिंदू होना ही मेरी पहचान है।" 

ऋषि सुनक (ब्रिटेन प्रधानमंत्री)

सनातन संस्कृति में रचे-बसे सुनक के लिए जब प्रधानमंत्री पद का एलान हुआ तो अंग्रेजी अखबार द गार्जियन ने शीर्षक दिया- 10 डाउनिंग स्ट्रीट में पहला हिंदू प्रधानमंत्री सुनक को अपने हिंदू होने पर गर्व है। उन्होंने स्वयं यह बात कही है।

वर्ष 2020 की बात है। सुनक ने हाथ में भगवद्गीता लेकर वित्त मंत्री पद की शपथ ली थी। इस पर एक ब्रिटिश अखबार के पत्रकार ने जब उनसे पूछा तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में उत्तर दिया था। उन्होंने कहा था कि वे अब ब्रिटिश नागरिक हैं, लेकिन उनका धर्म हिंदू है। भारत उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत है। सुनक ने कहा, 'मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं एक हिंदू हूं और हिंदू होना ही मेरी पहचान है।'



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🙏

🇮🇳राजेश राष्ट्रवादी



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