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अहमपि विद्यालयं गमिष्यामि। / कक्षा-7/ नवमः पाठः

  अहमपि विद्यालयं गमिष्यामि।       (मैं भी विद्यालय जाऊँगी।) शब्दार्था: प्रतिवेशिनी      = पडोसी मातुलगृहम्     = मामा के घर प्रेषय         ...


 अहमपि विद्यालयं गमिष्यामि।

      (मैं भी विद्यालय जाऊँगी।)

शब्दार्था:

प्रतिवेशिनी      = पडोसी

मातुलगृहम्     = मामा के घर

प्रेषय              = भिजवा दो

गृहघण्टिका     = घर की घण्टी 

उद्घाटयति       = खोलती है।

अष्टवर्षदेशीया  = लगभग आठ साल  की

अनुगृहणातु      = अनुगृहित करें

अल्पवयस्का     = कम आयु वाली

अन्वेषयामि       = मैं ढूँढ रही हूँ।

भवत्सदृशानाम्  = आप जैसों का

अस्मत्सदृशानाम् = हम जैसों का

मौलिकः अधिकारः = मौलिक अधिकार 

स्वोदरपूर्ति          = पेट भरना

रुग्णः                 = बीमार 

महार्घताकाले      = महँगाई के समय में

गणवेषम्             = विद्यालय की वेशभूषा

क्रेतुम्                 = खरीदने के लिए 

सर्वकारेण           = सरकार  के द्वारा

निःशुल्कम्          = मुफ्त 

स्यूतम्                = थैला

पादत्राणम्          = जूते

छात्रवृत्तिम्          = वजीफा

करततवादन        = ताली बजाने की आवाज

कृतज्ञता              = आभार

ज्ञापयति              = प्रकट करती है।

            पाठ का हिन्दी-अनुवाद 

मालिनी- (प्रतिवेशिनी प्रति) भिरिजे! मम पुत्रः मातुलगृहं प्रति प्रस्वितः काचिद् अन्यां कामापि महा कार्यायं जानासि तर्हि प्रेषय गिरिजा-आम् तखि! अय प्रातः एव म सहायिका स्वतायाः कृते कर्मार्थ पृच्छति स्म । श्वः प्रातः एवं तया सह वार्ता करिष्यामि ।

(अग्रिमदिने प्रातः काले पट्ट्वादने एव मालिन्याः गृहयष्टिका आगन्तारं कमपि सूचयति, मालिनी दरमुद्घाटयति पश्यति यत् गिरिजायाः सेविकया दर्शनया सह एका अष्टवर्षदेशीया बालिका तिष्ठति ।।

हिन्दी अनुवाद 

मालिनी-  (पड़ोसिन से) हे गिरिजा ! मेरा पुत्र मामा के घर गया है। क्या तुम किसी दूसरी सी को काम के लिए जानती हो? तो भिजवा देना। 

गिरिजा - हाँ सखी! आज सुबह ही मेरी सेविका अपनी पुत्री के लिए काम के बारे में पूछ रही थी। कल सुबह ही उसके साथ आपकी बात करा दूंगी। 

(अगले दिन सुबह छः बजे से मालिनी के घर की घंटी किसी आगन्तुक की सूचना देती है। मालिनी दरवाजा खोलती है और देखती है कि गिरिजा की सेविका दर्शना के साथ एक लगभग आठ वर्ष को बालिका खड़ी है।)

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दर्शना-महोदये ! भवती कार्यायं गिरिजामहोदयां पृच्छति स्म, कृपया मम सुताये अवसर प्रदाय अनुगृह्णातु भवती।

मालिनी - परमेषा तु अल्पवयस्का प्रतीयते। किं कार्य करिष्यत्येषा ? अयं तु अस्याः अध्ययनस्य क्रीडनस्य च कालः ।

दर्शना- एषा एकस्य गृहस्य संपूर्ण कार्यं करोति स्म । सः परिवारः अधुना विदेशं प्रति प्रस्थितः।कार्याभावे अहमेतस्यै कार्यमेवान्वेषयामि स्म येन भवत्सदृशानां कार्यं प्रचलेत् अस्मद्सदृशानां गृहसञ्चालनाय च धनस्य व्यवस्था भवेत् ।

हिन्दी अनुवाद - 

दर्शना-  महोदय जी ! आपने काम के लिए गिरिजा महोदया से पूछा था, कृपा करके मेरी बेटी को अवसर देकर हमें अनुगृहीत करें।

मालिनी-- किन्तु यह तो कम आयु वाली लग रही है। यह क्या काम करेगी? यह तो इसके पढ़ने और खेलने का समय है।

दर्शना--  यह एक बार घर का सारा (पूरा) काम करती थी। वह परिवार अब विदेश चला गया है। कार्य की कमी के कारण मैं इसके लिए काम ही ढूँढ रही थी। जिससे आप जैसे लोगों का काम चल सकें और हम जैसे लोगों के घर चलाने के लिए धन की व्यवस्था भी हो जाए।

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मालिनी - परमेतत्तु सर्वयाऽनुचितम्। किं न जानासि यत् शिक्षा तु सर्वेषां बालकानां सर्वासां वालिकानां च मौलिकः अधिकारः ।

दर्शना-महोदये! अस्मद् सदृशानां तु मौलिकाः अधिकाराः केवलं स्वोदरपूर्तिरेवास्ति । एतस्य व्यवस्थायै एव अहं सर्वस्मिन् दिने पञ्च षड्गृहाणां कार्यं करोमि । मम रुग्णः पतिः तु किञ्चिदपि कार्य न करोति । अतः अहं मम पुत्री च मिलित्वा परिवारस्य भरणपोषणं कुर्वः । अस्मिन् महार्घताकाले मूलभूतावश्यकतानां कृते एव धनं पर्याप्तं न भवति तर्हि कथं विद्यालयशुल्कं, गणवेषं पुस्तकान्यादीनि क्रेतुं धनमानेष्यामि ।

हिन्दी अनुवाद- 

मालिनी- किन्तु यह तो बिल्कुल अनुचित है। क्या तुम नहीं जानती कि शिक्षा (प्राप्ति) तो सब बालक और बालिकाओं का मौलिक अधिकार है।

दर्शना--  महोदया ! हम जैसे लोगों का मौलिक अधिकार केवल पेट भरना ही है। इसकी व्यवस्था के लिए ही मैं पूरा दिन पाँच छः घरों का काम करती हूँ। मेरा रोगी पति तो कुछ भी काम नहीं करता। इसलिए मैं और मेरी बेटी मिलकर परिवार का भरण-पोषण करते है। इस महँगाई में मूलभूत आवश्यकताओं. के लिए ही धन पर्याप्त नहीं होता। फिर विद्यालय की फीस, वेशभूषा, पुस्तक आदि खरीदने के लिए मैं वन कैसे लाऊँगी ?

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मालिनी-अहो ! अज्ञानं भवत्याः । किं न जानासि यत! नवोत्तर द्वि-सहस्र (2009) तमे वर्षे सर्वकारेण सर्वेषां बालकानां, सर्वासां बालानां कृते शिक्षायाः मौलिकाधिकारस्य घोषणा कृता । यदनुसारं षड्वर्षेभ्यः आरभ्य चतुर्दशवर्षपर्यन्तं सर्वे वाला; समीपस्थं सर्वकारीयं विद्यालयं प्राप्य न केवलं निःशुल्कं शिक्षामेव प्राप्स्यन्ति अपितु निःशुल्कं गणवेषं पुस्तकानि, पुसतकस्यूतं, पादत्राणं, मध्याह्नभोजनं, छात्रवृत्तिम् इत्यादिकं सर्वमेव प्राप्स्यन्ति ।

हिन्दी अनुवाद - 

मालिनी--अहो ! आपका अज्ञान! क्या तुम नहीं जानती कि 2009 में सरकार ने सब लड़कों तथा लड़कियों के लिए शिक्षा के मौलिक अधिकार की घोषणा की है। जिसके अनुसार छः वर्ष से लेकर चौदह वर्ष तक सारे बालक बालिकाएँ समीपवर्ती सरकारी विद्यालय में न केवल निःशुल्क (मुफ्त) शिक्षा प्राप्त करेंगे अपितु निःशुल्क वेशभूषा, पुस्तकें, पुस्तकों का थैला, जूते, दोपहर का भोजन, छात्रवृत्ति आदि सब कुछ प्राप्त कर सकेंगे।

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दर्शना- अप्येवम् (आश्चर्येण मालिनीं पश्यति) 

मालिनी - आम! वस्तुतः एवमेव ।

दर्शना-(कृतार्थतां प्रकटयन्ती) अनुगृहीताऽस्मि महोदये! एतद बोधनाय । अहम् अद्यैवास्याः प्रवेशं समीपस्थे विद्यालये कारयिष्यामि ।

दर्शनायाः पुत्री - ( उल्लासेन सह ) अहं विद्यालयं गमिष्यामि  अहमपि पठिष्यामि । (इत्युक्त्वा करतलवादनसहितं नृत्यति मालिनीं प्रति च कृतज्ञतां ज्ञापयति ।)

हिन्दी अनुवाद-

दर्शना- क्या ऐसा है? (आश्चर्यपूर्वक मालिनी को देखती है।) 

मालिनी-हाँ! सचमुच ऐसा ही है।

दर्शना- (कृतार्थता को प्रकट करती हुई) मैं आभारी हूँ महोदया ! यह समझाने के लिए। मैं आज ही इसका प्रवेश समीपवर्ती विद्यालय में कराऊँगी।

दर्शना की पुत्री - (खुशी के साथ) मैं  विद्यालय जाऊँगी। मैं भी पढूँगी। (ऐसा कहकर ताली बजाने के साथ नृत्य करती है तथा मालिनी के प्रति अपना आभार प्रकट करती है ।)

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                                अभ्यासः

2. एकपदेन उत्तराणि लिखत :---

(क) गिरिजायाः गृहसेविकायाः नाम किमासीत्? 

(ख) दर्शनायाः पुत्री कति वर्षीया आसीत्?

(ग) अद्यत्वे शिक्षा अस्माकं कीदृशः अधिकारः ? 

(घ) दर्शनायाः पुत्री कथं नृत्यति ?

उत्तरम् :----

(क) दर्शना 

(ख) अष्टवर्षदेशीया 

(ग) मौलिकः 

(घ) करतलवादनसहितम् ।

3. पूर्णवाक्येन उत्तर :----

(क) अष्टवर्षदेशीयाः दर्शनायाः पुत्री किं समर्थाऽसीत्? 

(ख) दर्शना कति गृहाणां कार्यं करोति स्म ?

(ग) मालिनी स्वप्रतिवेशिनीं प्रति किं कथयति ?

(घ) अद्यत्वे छात्राः विद्यालये किं किं निःशुल्कः प्राप्नुवन्ति ?

उतरम् :---

(क) अष्टर्वदेशीय दर्शनायाः पुत्री एकस्य गृहस्य सपूर्ण कार्यं कर्तुं समर्था आतीत् । 

(ख) दर्शना पञ्च षड्गृहाणां कार्यं करोति स्म ।

(ग) मालिनी प्रतिवेशिनीं प्रति कथयति-गिरिजे मम पुत्रः मातुलगृहं प्रति प्रस्थितः, काचिद् अन्यां महिलां कार्यार्थं जानासि, तर्हि प्रेषय ।

(घ) अद्यत्वे छात्राः विद्यालये निःशुल्कं गणवेषं, पुस्तकानि, पुस्तकस्यूतं पादत्राणं, मध्याह्नभोजनं,छात्रवृत्तिम् इत्यादिकं सर्वमेव प्राप्नुवन्ति । 

4. रेखाङ्तिपदमाधत्य प्रश्ननिर्माण करुत :---

(क) मालिनी द्वारमुद्घाटयति ।

(ख) शिक्षा सर्वेषां बालानां मौलिकः अधिकारः ।

(ग) दर्शना आश्चर्येण मालिनीं पश्यति ।

(घ) दर्शना तस्याः पुत्री च मिलित्वा परिवारस्य भरणपोषणं कुरुतः स्म ।

उत्तरम् :----

(क) का द्वारमुद्घाटयति ?

(ख) शिक्षा केषां मौलिकः अधिकारः ?

(ग) दर्शना आश्चर्येण कां पश्यति?

(घ) दर्शना तस्याः पुत्री च मिलित्वा कस्य भरणपोषणं कुरुतः स्म ?

5. सन्धिविच्छेदं पूरयत:---

(क) ग्रामं प्रति = ग्रामम् +

(ख) कार्यार्थम् = .......... + अर्थम्

(ग) करिष्यत्येषा = करिष्यति + .............

(घ) स्वोदरपूर्ति = .............. + उदरपूर्तिः

(ङ) अप्येवम् = अपि +..................

उत्तरम् :---

(क) प्रति 

(ख) कार्य 

(ग) एषा 

(घ) स्व 

(ङ) एवम्।

🇮🇳  राजेश राष्ट्रवादी


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