आइए , राष्ट्र-गान का अपमान !! नहीं सम्मान करें। ' राष्ट्रगान' राष्ट्रप्र...
आइए ,
राष्ट्र-गान का अपमान !!
नहीं
सम्मान करें।
'राष्ट्रगान' राष्ट्रप्रेम से परिपूर्ण रवीन्द्रनाथ टैगोर जी की एक ऐसी संगीतमय, पावन कृति है, जो हमारे देश के इतिहास, सभ्यता, संस्कृति और देवतुल्य जनता के संघर्ष की गाथा को व्यक्त करती है। यह राष्ट्र-गान हमारे देश की सरकार द्वारा स्वीकृत है ।
जैसा कि हमें ज्ञात है कि राष्ट्र-गान को नियमानुसार 52 सेकंड में ही शुद्ध उच्चारण के साथ गाया जाना चाहिए। किन्तु संभवतः कुछ लोग उचित समय और उचित उच्चारण का ध्यान नहीं रख पाते हैं।
ऐसा करके वे जाने अनजाने कहीं 'राष्ट्र-गान' का सम्मान करने की अपेक्षा अपमान तो नहीं कर रहे हैं !!
आइए, आगामी गणतंत्र- दिवस, स्वतंत्रता-दिवस, गांधी जी जयंती सहित सभी उचित अवसरों पर हम सभी 'राष्ट्र-गान' को शुद्ध उच्चारण और नियमित समय 52 सेकंड में ही गाकर, अपने देश के सच्चे बलिदानियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करें।
कृपया, केवल 52 सेकंड की 🖕 उपरोक्त विडिओ को अवश्य देखिएगा।
जन-गण-मन अधिनायक जय हे।
भारत भाग्य विधाता ।।
पंजाब सिंध गुजरात मराठा।
द्राविड़ उत्कल बंग ।।
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग।।
तव शुभ नामे जागे।
तव शुभ आशिष माँगे ।।
गाहे तब जय गाथा।
जन-गण-मंगलदायक जय हे।
भारत-भाग्य-विधाता।।
जय हे ! जय हे !! जय हे !!!
जय जय जय जय हे ।।
🇮🇳 जय हिंद 🇮🇳
🇮🇳 जय भारत 🇮🇳
🇮🇳 वन्देमातरम🇮🇳
https://youtu.be/8YuK77-eNHE
जय हिंद
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