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"झूठा लड़का और खूँखार भेडिया"/ शिक्षाप्रद कहानियाँ

  "झूठा लड़का और खूँखार भेडिया।" बहुत समय पहले की बात है एक बार, एक गाँव में एक चरवाहे का लड़का रहा करता था एक दिन वह पास की पहाड़...









 "झूठा लड़का और खूँखार भेडिया।"

बहुत समय पहले की बात है एक बार, एक गाँव में एक चरवाहे का लड़का रहा करता था एक दिन वह पास की पहाड़ी पर  भेड़ों को चराते - चराते ऊब गया था। अपना मनोरंजन करने के लिए, वह चिल्लाया, “भेड़िया ! भेड़िया! खूँखार भेड़िया,  मेरी भेड़ों को उठाकर ले जा रहा है!”

जब गाँव वालों ने उसकी चीख सुनी, तो वे भेड़िये को भगाने के लिए पहाड़ी पर लाठी , डंडे लेकर  दौड़ते हुए आए। लेकिन, जब वे वहाँ पहुँचे, तो उन्होंने कोई भेड़िया नहीं देखा। उनके गुस्से वाले चेहरों को देखकर लड़का खुश हुआ। उसे यह देखकर मज़ा आया कि मैने गाँव वालों का बेवकूफ बना दिया है।

सभी गाँव वालों ने उस लड़के को चेतावनी दी की “  “जब यहाँ कोई खूँखार भेड़िया नहीं है,  तो आज के बाद, भेड़िया ! भेड़िया!  मत चिल्लाना ।”  इसके बाद वे सभी गुस्से में लाल होकर वापस पहाड़ी से चले गए।

अपने मनोरंजन के लिए, बाद में एक बार फिर से, चरवाहे का लड़का फिर चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! खूँखार भेड़िया मेरी भेड़ों को ले जा रहा है!”, उसने देखा कि ग्रामीण भेड़िये को डराने के लिए पहाड़ी पर लाठी , डंडे लेकर  दौड़ रहे हैं। यह देख उसे फिर से आनंद आने लगा।

बोला ," मैने, आप सभी का आज फिर बेवकूफ बना दिया है।"

एक दिन लड़के ने एक असली भेड़िये को अपने झुंड की तरफ़ आते देखा। घबराए हुए, वह अपने पैरों पर कूद-कूद कर चिल्लाया और जितना जोर से चिल्ला सकता था, चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया!” लेकिन गाँव वालों ने अब की बार सोचा कि वह उन्हें फिर से बेवकूफ बना रहा है, और इसलिए वे मदद के लिए नहीं आए।



(आप सम्पूर्ण कहानी को उपरोक्त🖕 विडियों में भी देखकर आनंद प्राप्त कर सकते हैं।)

सूर्यास्त के समय, ग्रामीण उस लड़के की तलाश में गए जो अपनी भेड़ों के साथ नहीं लौटा था। जब वे पहाड़ी पर गए, तो उन्होंने उसे रोते हुए पाया।

“यहाँ आज वास्तव में एक भेड़िया आया था! जो मेरी भेड़ो  के झुंड को लेकर चला गया! मैं चिल्लाया, ‘भेड़िया!’ 'भेडिया!' लेकिन तुम नहीं आए,”  यह सब उसने रोते हुए कहा। 

अब एक बूढ़ा आदमी लड़के को सांत्वना देने गया।  उसने उसकी पीठ पर अपना हाथ रखा और कहा, “झूठे आदमी  पर कोई विश्वास नहीं करता, भले ही तुम आज सच बोल रहे थे, लेकिन हम गाँव वालों ने सोचा कि तुम हमारा पहले की तरह बेवकूफ बना रहे हो!” 

इस घटना के बाद उस लड़के को अपनी गलती का बहुत अधिक पछतावा हुआ। 

शिक्षा:-- हमें कभी भी, किसी का झूठ बोलकर बेवकूफ नहीं बनाना चाहिए। 


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