माँ तेरी पावन पूजा में हम केवल इतना कर पायें..... एक बार अवश्य सुनिएगा 🖕🇮🇳🖕 माँ तेरी पावन पूजा में हम केवल इतना कर पायें युग...
माँ तेरी पावन पूजा में हम केवल इतना कर पायें.....
एक बार अवश्य सुनिएगा 🖕🇮🇳🖕
माँ तेरी पावन पूजा में हम केवल इतना कर पायें
युग-युग से चरणों में तेरे
चढ़ते आये पुष्प घनेरे
हमने उनसे सीखा केवल
अपना पुष्प चढ़ा पायें माँ० ॥
चित्तौड़ दुर्ग के के कण-कण
जय बोल रहे तेरी क्षण-क्षण
हम भी अपने टूटे स्वर को
उनके साथ मिला पायें ॥ माँ० ॥
कुछ कली चढ़ी कुछ पुष्प चढ़े
कुछ समय के पहले फिसल पड़े
हमको दो वरदान यही माँ
विकसित होकर चढ़ जायें ॥ माँ० ॥
जगती के बन्धन आकर्षण
यदि स्वयं काल से भी हो रण
माँ तेरे पूजा-पथ पर हम-
लड़ते भिड़ते बढ़ते जायें। माँ० ॥
अन्तिम आकांक्षा हम सबकी
जब पावन पूजा हो तेरी
तब तनिक न पड़ असमंजस में
यह जीवन पुष्प चढ़ा जायें।
माँ तेरी पावन पूजा में हम केवल इतना कर पायें ॥ माँ
माँ तेरी पावन पूजा में हम केवल इतना कर पायें.....
एक बार अवश्य सुनिएगा 🖕🇮🇳🖕
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