श्री राममंदिर के लिए कहाँ से ? क्या-क्या आ रहा है ? राजेश राष्ट्रवादी मित्रों, जय श्रीराम। लगभग पांच सौ वर्षों की कठिन तपस्या, सं...
श्री राममंदिर के लिए
कहाँ से ?
क्या-क्या आ रहा है ?
राजेश राष्ट्रवादी
मित्रों, जय श्रीराम।
लगभग पांच सौ वर्षों की कठिन तपस्या, संघर्षों , बलिदानों के बाद 22 जनवरी 2024 में अयोध्या, उत्तर प्रदेश में हमारे जन-जन के प्रिय श्री राम जी की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है।
श्री राममंदिर के लिए कहाँ से ? क्या-क्या आ रहा है ?
आइए! जानने का प्रयास करते हैं !
1. राम लला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. इसके बाद भगवान को विशेष भोग लगाया जाएगा, जिसमें ननिहाल के चावल और ससुराल का मेवा शामिल होगा ।
2. ननिहाल छत्तीसगढ़ से 3 हजार क्विंटल चावल अयोध्या आएगा। ये अब तक की सबसे बड़ी चावल की खेप होगी, जो अयोध्या पहुंचेगी। इसे छत्तीसगढ़ के जिलों से एकत्र किया गया है ।
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3. भगवान राम की ससुराल नेपाल के जनकपुर से वस्त्र, फल और मेवा 5 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे। इसके अलावा उपहारों से सजे 1100 थाल भी होंगे ।
4. नेपाल से आभूषण, बर्तन, कपड़े , इक्यावन प्रकार की मिठाइयाँ, दही, मक्खन और चांदी के बर्तन भी आ रहे हैं। ।
5. श्रीराम मंदिर के लिए घंटा- जलेसर में कोरोना काल से पहले इस घंटे का निर्माण शुरू करा दिया गया था। 2100 किलो वजन का यह घंटा अब बनकर तैयार है, जिसे अष्टधातु से बनाया गया है। इससे निकलने वाले आवाज अद्भुत होगी, जो दूर-दूर तक लोगों को सुनाई देगी। घंटा निर्माण में करीब 25 लाख रुपये की लागत आई है। आकार में यह छह फीट ऊंचा और पांच फीट चौड़ा है। पीतल कारोबारी ने बताया कि इसके निर्माण में सर्वधर्म के कारीगरों ने योगदान दिया है।
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6. प्राण प्रतिष्ठा के लिए गुजरात के वडोदरा से 108 फीट लंबी अगरबत्ती अयोध्या आ रही है, जो बनकर तैयार है। इसे पंचगव्य और हवन सामग्री के साथ गाय के गोबर से बनाया गया है । इसका वजन 3500 किलो है ।
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वडोदरा से अयोध्या पहुंच रही इस अगरबत्ती की लागत पांच लाख से ऊपर है । इसे तैयार करने में 6 माह का समय लगा है ।
इस अगरबत्ती को वड़ोदरा से अयोध्या के लिए 110 फीट लंबे रथ से लाया जा रहा है । अगरबत्ती बनाने वाले विहा भरवाड़ नामक व्यक्ति ने बताया कि एक बार इसे जलाने पर यह अगरबत्ती डेढ़ महीने तक लगातार जलती रह सकती है ।
7. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान की चरण पादुकाएँ भी वहाँ पर रखी जाएंगी।
फिलहाल, ये पादुकाएँ देशभर में घुमाई जा रही हैं।
पादुकाएँ 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी । इन्हें हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने तैयार किया है ।
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श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने इन श्रीराम पादुकाओं के साथ अयोध्या की 41 दिनों की परिक्रमा की थी ।
इसके बाद इन पादुकाओं को रामेश्वरम से बद्रीनाथ तक सभी प्रसिद्ध मंदिरों में ले जाया जा रहा है और विशेष पूजा की जा रही है ।
जय श्रीराम
जय हनुमान
राजेश राष्ट्रवादी
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